खेल बजट के लिए सरकार ने खोली तिजोरी, सीधे बढ़ाया 350 करोड़ का आंकड़ा, जमीनी स्तर पर युवाओं को फायदा पहुंचाने का प्लान!
भारत सरकार ने देश में खेल को बढ़ावा देने के लिए खेलो इंडिया स्कीम चलाई है। इस योजना को पिछले साल बजट में 800 करोड़ रुपए मिले थे। लेकिन इस बार सरकार ने इसमें सीधे 200 करोड़ रुपए की बढ़ोत्तरी की है। जिसके बाद खेलो इंडिया को 1,000 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है।

निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए केंद्रीय बजट 2025-26 में खेल बजट में काफी बढ़ोत्तरी देखने को मिली है। पिछले साल का खेल बजट 3,232.85 करोड़ रुपए था, तो इस बार खेल बजट 3,794.30 करोड़ रुपए है। यानी कि सीधे तौर पर पिछले साल के मुकाबले इस साल 351.98 करोड़ रुपए का इजाफा किया गया है। इसका मकसद खेलों के बुनियादी ढांचे को मजबूत करना, युवा खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करना और इंटरनेशनल लेवल पर भारत की उपस्थिति को और मजबूत बनाना है।
'खेलो इंडिया' के फंड में किया इजाफा
भारत सरकार ने देश में खेल को बढ़ावा देने के लिए खेलो इंडिया स्कीम चलाई है। इसके जमीनी स्तर पर खेल के इंफ्रास्टक्चर को बढ़ाने, युवाओं की खेल में दिलचस्पी बढ़ाने और देश में खेल की संस्कृति बनाने के लिए काम किया जाता है। इस योजना को पिछले साल बजट में 800 करोड़ रुपए मिले थे। लेकिन इस बार सरकार ने इसमें सीधे 200 करोड़ रुपए की बढ़ोत्तरी की है। जिसके बाद खेलो इंडिया को 1,000 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है।
NSF फंड में हुई बढ़ोत्तरी
राष्ट्रीय खेल महासंघ (NSF): विभिन्न खेल महासंघों को 400 करोड़ रुपए की मदद दी जाएगी। पिछले साल इसे 340 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे। इस बार 60 करोड़ को बढ़त के साथ 400 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। इससे खेल संगठनों को बेहतर प्रशिक्षण सुविधाएं देने और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की तैयारी करने में मदद मिलेगी।
मेरा युवा भारत (MYB) योजना: युवाओं को खेलों से जोड़ने वाली इस योजना के लिए 82.48 करोड़ रुपए का बजट दिया गया है। पिछले साल ये बजट 74.76 करोड़ रुपए था। आपको बता दें, इस योजना से युवाओं को खेल और फिटनेस गतिविधियों में शामिल होने के बेहतर मौके मिलेंगे।
राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS): राष्ट्रीय सेवा योजना को इस बार खेल बजट में से 450 करोड़ रुपए का बजट दिया गया है, जो पिछले साल से 200 करोड़ रुपए से ज्यादा था। इस योजना का उद्देश्य खेलों के माध्यम से सामाजिक सेवा और युवा नेतृत्व को बढ़ावा देना है।
पिछले बजट की तुलना में इस बजट में क्या बदला?
- निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए खेल बजट में जमीनी स्तर के खेल विकास और युवा प्रतिभाओं को निखारने पर अधिक ध्यान दिया गया है।
- खेलो इंडिया योजना के बजट में बढ़ोतरी ये दर्शाती है कि सरकार स्कूली और ग्रामीण स्तर पर खेलों को मजबूत करना चाहती है।
- राष्ट्रीय खेल महासंघों को दी जाने वाली सहायता से खिलाड़ियों को बेहतर सुविधाएं और ट्रेनिंग मिलेगी। हालांकि, राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय और कुछ एथलीट प्रोत्साहन योजनाओं का बजट थोड़ा कम किया गया है, जिसे लेकर चिंताएं भी उठ सकती हैं।
इस बजट से क्या नए मौके मिलेंगे?
बेहतर खेल सुविधाएं: इस बजट का एक बड़ा हिस्सा खेलों के लिए नए स्टेडियम और प्रशिक्षण केंद्र बनाने में खर्च किया जाएगा, जिससे खिलाड़ियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।
युवा खिलाड़ियों की पहचान और ट्रेनिंग: 'खेलो इंडिया' जैसी योजनाओं से ग्रामीण और छोटे शहरों में छिपी हुई प्रतिभाओं को आगे लाने में मदद मिलेगी।
अंतरराष्ट्रीय स्तर की तैयारी: राष्ट्रीय खेल महासंघों को मिलने वाले बढ़े हुए फंड से खिलाड़ियों को विश्व स्तरीय ट्रेनिंग और कोचिंग दी जा सकेगी, जिससे भारत को अधिक पदक जीतने में मदद मिलेगी।
खेलों के प्रति युवाओं की रुचि बढ़ेगी: NSS और MYB जैसी योजनाओं से युवाओं में खेलों के प्रति जागरूकता और रुचि बढ़ेगी, जिससे एक फिट और सक्रिय युवा वर्ग तैयार किया जा सकेगा।
किन चुनौतियों का करना पड़ेगा सामना?
खेल में बढ़ाए गए बजट के सही उपयोग को सुनिश्चित करना सबसे बड़ी चुनौती होगी। ये जरूरी है कि आवंटित फंड का सही और पारदर्शी तरीके से इस्तेमाल हो, ताकि इसका सीधा लाभ खिलाड़ियों और खेल संगठनों को मिले। इसके अलावा, राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय और एथलीटों के लिए सीधे मिलने वाली वित्तीय सहायता में आई कमी पर भी ध्यान देना जरूरी है।
पेरिस 2024 ओलंपिक में भारतीय खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन के बाद, सरकार का यह बजट भारत को खेलों में और आगे ले जाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। अगर इस बजट का सही तरीके से उपयोग किया जाए, तो आने वाले वर्षों में भारत खेलों की दुनिया में एक प्रमुख शक्ति बन सकता है। खेलों के बुनियादी ढांचे और युवा खिलाड़ियों पर दिया गया यह जोर भारतीय खेलों के उज्ज्वल भविष्य की ओर इशारा करता है।
रिपोर्ट- डॉ. प्रीति शर्मा
( सहायक निदेशक, शारीरिक शिक्षा विभाग, राजस्थान विश्व विद्यालय,जयपुर)