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"भजनलाल सरकार तो पर्ची से चल रही", कैबिनेट मंत्री ने जनता के बीच खुद मानी यह बात!

Rajasthan Politics : इस वीडियो के सामने आते ही राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई, विपक्ष को सरकार पर हमला बोलने का नया मौका मिल गया, और खुद मंत्री गहलोत को बयान की सफाई देनी पड़ी।

"भजनलाल सरकार तो पर्ची से चल रही", कैबिनेट मंत्री ने जनता के बीच खुद मानी यह बात!

जयपुर। राजस्थान की भजनलाल शर्मा सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वह अपनी ही सरकार को "पर्ची सरकार" कहते नजर आ रहे हैं। इस वीडियो के सामने आते ही राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई, विपक्ष को सरकार पर हमला बोलने का नया मौका मिल गया, और खुद मंत्री गहलोत को बयान की सफाई देनी पड़ी।

क्या कहा था अविनाश गहलोत ने?

वायरल वीडियो में अविनाश गहलोत को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि "यह तो पर्ची सरकार बन गई है।” हालांकि, यह बयान किस संदर्भ में दिया गया, इसका स्पष्ट उल्लेख वीडियो में नहीं था, लेकिन इसके सामने आते ही विपक्ष ने इसे सरकार की कार्यप्रणाली पर खुद मंत्री की नाराजगी के रूप में पेश कर दिया।

विपक्ष ने साधा निशाना

कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने इस वीडियो को हथियार बनाते हुए भाजपा सरकार पर हमला बोल दिया। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, "जब खुद सरकार के मंत्री इसे 'पर्ची सरकार' कह रहे हैं, तो जनता को अब समझ लेना चाहिए कि सरकार की असलियत क्या है। सरकार में पारदर्शिता और स्थिरता की कमी साफ दिख रही है।”

अविनाश गहलोत ने दी सफाई

वीडियो के तेजी से वायरल होने और विवाद बढ़ने के बाद मंत्री अविनाश गहलोत को सफाई देने के लिए आगे आना पड़ा। उन्होंने कहा कि उनका बयान तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है और गलत तरीके से वायरल किया जा रहा है। गहलोत ने यह भी स्पष्ट किया कि उनका आशय सरकारी कार्यप्रणाली में सुधार लाने को लेकर था, न कि सरकार की आलोचना करने का।

क्या है "पर्ची सरकार" का अर्थ?

राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, "पर्ची सरकार" का मतलब फैसलों में पारदर्शिता की कमी, मनमाने ढंग से आदेश जारी करना, और बिना ठोस प्रक्रिया के काम करना हो सकता है। हालांकि, गहलोत के बयान की विपक्ष और सत्ता पक्ष अलग-अलग व्याख्या कर रहे हैं।

अंदरूनी मतभेद का संकेत?

इस घटना ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या भजनलाल सरकार के भीतर सबकुछ ठीक नहीं चल रहा? क्या मंत्री गहलोत के बयान ने सरकार के अंदरूनी मतभेदों को उजागर कर दिया है, या यह सिर्फ बयान को गलत तरीके से पेश करने का मामला है? फिलहाल, यह विवाद राजनीतिक बहस का केंद्र बन गया है, और आने वाले दिनों में यह मामला और गरमाने की संभावना है।