राजस्थान विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान हंगामा, PCC चीफ डोटासरा ने जताई आपत्ति
राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र के तीसरे दिन प्रश्नकाल के दौरान पक्ष-विपक्ष में तीखी तकरार देखने को मिली। ऑनलाइन जवाब देने की नई व्यवस्था पर विपक्ष ने कड़ा ऐतराज जताया, जिससे सदन में हंगामा मच गया।

राजस्थान विधानसभा में आज बजट सत्र के तीसरे दिन की कार्यवाही चल रही है। इस सदन की कार्यवाही पक्ष-विपक्ष के बीच में तीखी नोक-झोंक के साथ शुरू हुई। प्रश्नकाल के समय पहले ही सवाल के जवाब पर पक्ष-विपक्ष के नेताओं के बीच में काफी बहस हुई। विधानसभा में नई व्यवस्था के कारण ऑनलाइन प्रश्नों के जवाब देने पर कुछ देर तक हंगामा हुआ, दोनों पक्षों के बीच में इतनी ज्यादा तकरार हुई की स्पीकर को अपनी कुर्सी से खड़े होकर मामले को शांत करवाना पड़ा।
कैसे शुरू हुआ दोनों पक्षों में विवाद
सदन की कार्यवाही के प्रश्नकाल के दौरान पहला सवाल विधायक लक्ष्मण मीणा ने बस्सी विधानसभा क्षेत्र के महाविद्यालय में खाली पदों पर किया था। इसका जवाब देते हुए उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने कहा कि स्वीकृत और भरे हुए पदों की जानकारी दी गई है। उन्होंने आगे कहा कि हमें भी बच्चों के भविष्य की चिंता है, बच्चों के भविष्य के लिए हमारी सरकार अच्छा कार्य कर रही है और इसके लिए जल्द भर्ती करवाई जाएगी।
पीसीसी चीफ डोटासरा ने जताई आपत्ति
लेकिन इसके बाद जब दूसरे सवाल के जवाब के दौरान मंत्री का जवाब पढ़ा हुआ मान लेने पर PCC चीफ डोटासरा ने आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि- 'विभाग से संबंधित जवाब दूसरा विभाग कैसे दे सकता है? इस जोगाराम पटेल ने जवाब में कहा कि, 'विधानसभा सचिवालय किसको भेजता है किसको नहीं हमारी सरकार की जिम्मेदारी है। व्यवस्था को चलने दें धीरे धीरे सब अभ्यस्त हो जाएंगे।'
सदन में नहीं होना चाहिए हंगामा
इस मामले पर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि पुरानी व्यवस्था को कायम रखने की बात कही है। इसके बाद विधानसभा स्पीकर वासुदेव देवनानी ने कहा कि नई व्यवस्था को लागू किया जा रहा है, इसमें थोड़ा समय लगेगा। आप लोगों के जो बदलाव या सुझाव हैं, वो इस प्रश्नकाल के बाद शून्यकाल में चेंबर में बैठकर बता सकते हैं। सदन में इस मुद्दे पर हंगामा नहीं होना चाहिए।