समरावता थप्पड़ कांड: नरेश मीणा की जमानत पर सस्पेंस बरकरार, हाईकोर्ट में फिर टली सुनवाई, जानें क्या होगा मीणा का भविष्य
Samravata Slap Case: इस मामले में नरेश मीणा (Naresh Meena) की तरफ से पैरवी करने वाले अधिवक्ता डॉ. महेश शर्मा और लाखन सिंह मीणा ने हाईकोर्ट में जमानत की याचिका प्रस्तुत की थी। लेकिन अदालत ने फिलहाल सुनवाई टाल दी और अब ये सवाल बना हुआ है कि नरेश मीणा को जमानत कब मिलेगी।

Samravata Slap Case: राजस्थान के टोंक जिले के समरावता गांव में विधानसभा उपचुनाव के दौरान हुए थप्पड़ कांड के आरोपी नरेश मीणा की जमानत याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई फिर से टल गई है। मंगलवार को हुई सुनवाई में सरकारी पक्ष ने अदालत को सूचित किया कि 11 फरवरी को स्थानीय अदालत में चालान पेश किया जाएगा, जिसके बाद हाईकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 12 फरवरी तय कर दी।
इस मामले में नरेश मीणा की तरफ से पैरवी करने वाले अधिवक्ता डॉ. महेश शर्मा और लाखन सिंह मीणा ने हाईकोर्ट में जमानत की याचिका प्रस्तुत की थी। लेकिन अदालत ने फिलहाल सुनवाई टाल दी और अब ये सवाल बना हुआ है कि नरेश मीणा को जमानत कब मिलेगी।
क्या है समरावता थप्पड़ कांड?
समरावता गांव में विधानसभा उपचुनाव के दौरान एक विवादित घटना ने पूरे राज्य का ध्यान आकर्षित किया था। निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ने आरोप लगाया था कि SDM (सहायक जिला मजिस्ट्रेट) ग्रामीणों से जबरन वोटिंग करवा रहे थे, जबकि गांववाले मतदान का बहिष्कार करना चाहते थे। इसी बीच गुस्साए नरेश मीणा ने SDM को थप्पड़ मार दिया। घटना के बाद पुलिस ने नरेश मीणा के खिलाफ कार्रवाई शुरू की और उन्हें गिरफ्तार कर लिया। गांव में पुलिस की दबिश से उपद्रव भी हुआ, जिसके बाद नरेश मीणा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
अगली सुनवाई पर फैसला
अब, नरेश मीणा की जमानत पर फैसला 12 फरवरी को होगा, जब हाईकोर्ट में फिर से सुनवाई होगी। यदि जमानत मिलती है तो वे जेल से बाहर आ सकते हैं, लेकिन अगर अदालत ने जमानत याचिका को खारिज कर दिया तो नरेश मीणा को 12 फरवरी तक और जेल में रहना होगा।
राजनीतिक और कानूनी हलकों में इस मामले को लेकर सस्पेंस बना हुआ है। इस घटना ने चुनावी राजनीति और अधिकारियों के आचार-व्यवहार को लेकर कई सवाल खड़े किए हैं, जिनका जवाब आगामी सुनवाई में मिल सकता है।