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गिव अप अभियान में जयपुर जिला टॉप पर 

1 लाख 98 हजार से ज्यादा ने पात्रों के लिए छोड़ा अपना दावा
अपात्रों पर जिला प्रशासन की सख्ती, 1536 को नोटिस जारी
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना 

गिव अप अभियान में जयपुर जिला टॉप पर 

जयपुर। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत लाभ प्राप्त कर रहे अपात्र व्यक्ति को स्वेच्छा से नाम हटवाने के लिए प्रेरित करने के लिए राज्यभर में 'गिव अप' अभियान का चलाया जा रहा है। राज्य में गिव अप करने के मामले में अब तक जयपुर जिला नम्बर 1 है। 

जयपुर में 1 लाख 92 हजार 272 अपात्र व्यक्तियों ने गिव अप किया है। जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी इस अभियान के क्रियान्वयन एवं प्रगति की लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं। उन्होंने जिले के नम्बर 1 रहने पर सभी जनप्रतिनिधियों, कार्मिकों, गिव अप करने वाले परिवारों को धन्यवाद देते हुए आगे भी इसी भावना के साथ कार्य करने का आव्हान किया है। 

जिला रसद अधिकारी त्रिलोकचंद मीणा ने बताया कि जिला मुख्यालय से ग्राम पंचायत स्तर तक अभियान का संचालन किया जा रहा है। रात्रि चौपाल, जन सुनवाई, ग्राम सभा सहित समस्त सार्वजनिक कार्यक्रमों में जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों, कर्मचारियों सहित समाज के मौजिज लोगों द्वारा सर्व साधारण को गिव अप के लिए प्रेरित किया जा रहा है। यहीं कारण है कि गिव अप अभियान को जयपुर जिले में आमजन का भी भरपूर समर्थन मिल रहा है। 

अपात्र ने स्वयं गिव अप नहीं किया, अब मिला नोटिस —
जिला कलक्टर के निर्देशानुसार जयपुर में  1536 अपात्र व्यक्तियों को स्वेच्छा से खाद्य सुरक्षा सूची से अपना नाम हटवाने के लिए नोटिस जारी किया गया है। विभाग ने गिव अप अभियान को आगामी 31 अगस्त तक संचालित करने का फैसला किया है।

31 अगस्त तक स्वेच्छा से अपना नाम खाद्य सुरक्षा सूची से हटवाने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध कार्रवाई नहीं की जाएगी। इसके बाद 27 रुपए प्रति किलोग्राम के हिसाब से मय ब्याज वसूली होगी। ऐसे कार्मिकों की सूचियां तैयार की जा रही हैं एवं ऐसे कार्मिकों के संबंधित विभागों को वसूली की राशि कार्मिक के मासिक वेतन से कटौती करने के लिए लिखा जाएगा। 

 गिव अप अभियान के अन्तर्गत खाद्य सुरक्षा सूची की निष्कासन श्रेणी में सम्मिलित परिवार यथा ऐसे परिवार जिनमें कोई भी एक सदस्य सरकारी, अर्द्ध सरकारी, स्वायत्तशासी संस्थाओं में नियमित कार्मिक है या 1 लाख रुपए वार्षिक से अधिक पेंशन प्राप्त करता है या जिसके सभी सदस्यों की कुल आय 1 लाख रुपए वार्षिक से अधिक है या निजी चौपहिया वाहन धारक या आयकरदाता हो, को प्रेरित कर खाद्य सुरक्षा सूची से अपना नाम स्वेच्छा से पृथक करवाए जाने के लिए आवेदन करवाया जा रहा है।