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Vasundhara Raje गुट ने कर दी बगावत! भजनलाल शर्मा के खिलाफ महारानी के खास नेता बैठेंगे धरने पर

राजस्थान की राजनीति में गरमाहट, वसुंधरा राजे के करीबी देवी सिंह भाटी ने भजनलाल सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा। जानिए क्या है पूरा मामला और क्या हैं भाटी के आरोप?

Vasundhara Raje गुट ने कर दी बगावत! भजनलाल शर्मा के खिलाफ महारानी के खास नेता बैठेंगे धरने पर

जयपुर। प्रदेश की सियासत इन दिनों हिचकोले खा रही है। एक तरफ विपक्ष सदन में किरोड़ीलाल मीणा के मुद्दे पर भजनलाल सरकार पर हावी है तो अब मुख्यमंत्री की परेशानी बढ़ाने की तैयारी खुद वसुंधरा राजे ने कर ली है। बता दें,महारानी के करीबी कहे जाने देवी सिंह भाटी ने अब पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। वह सरकार से इस कदर नाराज है, खुलकर विरोध दर्ज करा कर रहे हैं। मीडिया से बातचीत करते हुए भाटी ने कहा कि अगर 6 फरवरी तक उनकी मांगे पूरी नहीं होती हैं तो वह विधानसभा के बाहर धरना देने पर मजबूर हो जायेंगे। 

आखिर क्या है पूरा मामला ?

वसुंधरा राजे के करीबी होने के साथ-साथ देवी सिंह भाटी बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं में शामिल है जो लंबे वक्त से प्रदेश की रानजीति में सक्रिय हैं। बताया जा रहा है, वह बीकानेर में अफसरों की नियुक्ति से खुश नहीं है। हाल में बीकानेर की जिम्मेदारी  IPS प्यारेलाल को सौंपी गई है,अब इसी बात से वह नाराज हैं। उन्होंने अधिकारी पर कई आरोप लगाते हुए हटाने की मांग की है। आरोप गया प्यारेलाल हाल में प्रमोशन पाकर IPS बन हैं। वह बीकानेर में 15 सालों से तैनात हैं। ऐसे में एक जिले में इतना लंबा वक्त बिताना नियमों के खिलाफ है। 

भाटी ने ये भी कहा, उन्होंने इस विषय पर सीएम भजनलाल शर्मा से भी मुलाकात की थी, हालांकि अभी तक कोई भी एक्शन नहीं लिया गया। इतना ही नहीं भाटी सरकार को चेतावनी देते नजर आए, यदि उनकी नहीं सुनी गई तो वह धरना देंगे। 

बीकानेर में चलता भाटी का सिक्का !

राजनीति के लिहाज से बीकानेर में देवी सिंह भाटी राज करते हैं। खुद छह बार विधायक और तीन बार मंत्री पद संभाल चुके भाटी का परिवार भी सियासत में सक्रिय हैं। उनके बेटे महेंद्र भी लोकसभा सांसद थे, बीते साल उन्होंने बहू को मैदान में उतारा हालांकि करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। जबकि उससे पहले 2023 विधानसभा चुनाव में भाटी के पोते अंशुमान बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़े और जीत हासिल की है। कई जानकार मानते हैं, भाटी जो कहते हैं वो करते जरूर हैं। सियासी पारी में देवी सिंह भाटी दो बार बीजेपी से रूठे हैं लेकिन उनकी अहमियत को समझते हुए हर बार आलाकमान ने उन्हें मनाया है।