Vasundhara Raje: पुरुष प्रधान समाज में 'महारानी' की दहाड़, जब रैंप वॉक कर उड़ा दी थी विपक्ष की नींद !
जब मुख्यमंत्री ने रूढ़ियों को तोड़ा। जानिए कैसे वसुंधरा राजे ने खादी फैशन शो में रैंप वॉक करके विरोधियों को चुप कराया। जानें राजस्थान की सियासत का दिलचस्प किस्सा।

राजनीति से निजी जीवन तक वसुंधरा राजे ने एक ऐसी पहचान बनाई है, जिसकी आज भी लोग दात देते हैं। चाहे पुरुष प्रधान प्रदेश में सत्ता संभालना हो या फिर अपनी बात बेबाकी से रखना। ये महारानी बखूबी जानती है। यही वजह है, उनका नाम देश के उन नेताओं में शामिल है जो कभी अपनी व्यक्तित्व से समझौता रखते। राजे ने सियासी दांव-पेंच के साथ कई ऐसे काम भी किये जब उनके पार्टी और साथ में रहने वाले लोग उनके खिलाफ खड़े हो गए लेकिन महारानी हार नहीं मानी और अपनी दम पर दो बार मुख्यमंत्री बनें। आज आपको एक ऐसा ही किस्सा बताएंगे, जब सीएम वुसंधरा रैंप-वॉक पर उतरी थीं।

राजस्थान पुरुष प्रधान देश हैं,जहां महिलाओं को सीमा तक समिति रखा जाता है। वुसंधरा राजे ने 2003 में पहली बार सत्ता संभालकर ये साबित कर दिया था, वह इन बंदिशों से बहुत आगे निकल चुकी हैं। बात 2006 की है जब सूबे में आयोजित खादी फैशन शो का हिस्सा मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे बनी थीं। इतना ही नहीं, उन्होंने स्वदेशी कपड़ों को बढ़ावा देने के लिए लाल कलर साड़ी पहन रैंप वॉ भी किया। उस वक्त किसी महिला सीएम द्वारा रैंप वॉक किया जाना चर्चा का विषय बन गया, इतना ही नहीं जो एक उनके साथ खड़े, राजे के इस कदम के खिलाफ हो गए।

मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं, वसुंधरा राजे का रैंप वॉक करना विरोधी क्या उनकी पार्टी के कई नेताओं को रास नहीं आया। जिसमें गुलाब चंद कटारिया का नाम भी शामिल हैं। कटारिया ने इस विषय पर राजे की आलोचना की थी, हालांकि राजे पीछे नहीं हटी। एक इंटरव्यू में रैंप वॉक से जुड़े सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा था, हम एक लोकतांत्रिक देश में रहते हैं। जहां महिलाओं और पुरुषों को बराबर के हक मिले हैं। ऐसे में देश की महिला को खूबसूरत दिखने और अपनी इच्छा के अनुसार कार्य करने का अधिकार है। उनका ये बयान विरोधियों का मुंह कराने का काफी थी। बस यहीं से वसुंधरा राजे ने अपनी अलग छवि है जो आज भी लोगों के दिलों-दिमाग में बसी हुई है।