क्या गृहस्थ कर सकते हैं मौनी अमावस्या का व्रत? जानें दान-पुण्य और पूजा का महत्व !
Date: Jan 27, 2025
By: Nitika Srivastava, Bharatraftar
स्नान का महत्व
गंगा स्नान करें, या घर पर पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। यह आत्मा और शरीर की शुद्धि के लिए महत्वपूर्ण है।
सूर्य को अर्घ्य दें
स्नान के बाद सूर्य देवता को अर्घ्य देना पितृ दोष से मुक्ति दिलाता है।
मौन व्रत रखें
जितना संभव हो मौन रहकर ध्यान और प्रार्थना करें। गृहस्थ लोग पूजा-पाठ के बाद मौन व्रत खोल सकते हैं।
दान-पुण्य करें
तेल, कंबल, दूध, अनाज, चीनी, और पैसे का दान करें। पशु-पक्षियों को भोजन कराना भी शुभ माना गया है।
उपवास करें
सादा और सात्विक भोजन ग्रहण करें। तामसिक भोजन और मांस-मदिरा से परहेज करें।
ध्यान और प्रार्थना
भगवान विष्णु और सूर्य देव की पूजा करें। ध्यान और सत्संग में समय बिताएं।
पितृ दोष से मुक्ति
"ॐ आद्य-भूताय विद्महे सर्व-सेव्याय धीमहि, शिव-शक्ति-स्वरूपेण पितृ-देव प्रचोदयात्" मंत्र का 108 बार जाप करें।
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