दिल्ली की ममता वशिष्ठ बनीं किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर, 15 साल की उम्र से कर रही रामकथा
Date: Jan 21, 2025
By: Nitika Srivastava, Bharatraftar
6 साल की उम्र से पूजा-पाठ और अध्यात्म
ममता वशिष्ठ ने बचपन से ही धर्म और अध्यात्म में गहरी रुचि ली।
15 साल की उम्र में पहली रामकथा
उन्होंने 15 साल की उम्र में पहली बार रामकथा सुनाई और उसके बाद से 380 से अधिक कथाएं कर चुकी हैं।
शिक्षा और अध्यात्म का संगम
ममता ने शिक्षा के क्षेत्र में भी कदम बढ़ाए और बीएड तथा एमएड तक की पढ़ाई की। वेद, पुराण, श्रीरामचरितमानस और श्रीमद्भगवत गीता का अध्ययन जैसे धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन 7 साल की उम्र से कर रही हैं।
किन्नर अखाड़े से जुड़ाव
करीब 6 साल पहले उनकी मुलाकात किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर स्वामी पार्वती नंद गिरी धूलिया से हुई, जिसके बाद वे अखाड़े के साथ जुड़ गईं।
महामंडलेश्वर का पद और जिम्मेदारी
उनके काम को देखते हुए किन्नर अखाड़े ने उन्हें महामंडलेश्वर का पद दिया।
शादी के दो महीने बाद मिली जिम्मेदारी
ममता वशिष्ठ की शादी दिल्ली के कारोबारी संदीप वशिष्ठ से नवंबर 2024 में हुई।
पति और परिवार का समर्थन
उनके पति संदीप और परिवार ने उनके फैसले का समर्थन किया और उन्हें धर्म के प्रचार में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया।
पिंडदान और पट्टाभिषेक
किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी ने ममता का पिंडदान और पट्टाभिषेक किया।
पुराने नाम से जानी जाएंगी
महामंडलेश्वर बनने के बाद भी ममता अपने पुराने नाम से ही जानी जाएंगी।
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