महाकुंभ 2025: इंदौर के 'बवंडर बाबा' की अनोखी यात्रा, सनातन धर्म के सम्मान का संदेश

महाकुंभ 2025: इंदौर के 'बवंडर बाबा' की अनोखी यात्रा, सनातन धर्म के सम्मान का संदेश

Date: Jan 22, 2025

By: Nitika Srivastava, Bharatraftar

1.15 लाख किलोमीटर की सनातनी यात्रा

बवंडर बाबा ने अपनी मोटरसाइकिल पर भारत के विभिन्न धार्मिक स्थलों की यात्रा की है. उन्होंने इसे 'सनातनी रथ' का नाम दिया है, जो उनके धर्म और आस्था के प्रति समर्पण को दर्शाता है. उनकी यात्रा केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह सनातन धर्म के मूल्यों और प्रतीकों को संरक्षित करने का एक आंदोलन है.

धार्मिक प्रतीकों के अपमान पर आपत्ति

बवंडर बाबा ने माचिस, किताबों और अगरबत्ती जैसे उत्पादों पर देवी-देवताओं के चित्र लगाने को सनातन धर्म का अपमान बताया है. उनका कहना है, "हमारे देवी-देवताओं के चित्र पवित्र हैं और इन्हें ऐसे उत्पादों पर लगाना अनुचित है, जिन्हें बाद में कचरे में फेंक दिया जाता है. यह हमारी आस्था और धर्म के प्रति अनादर का प्रतीक है." उन्होंने इस मुद्दे पर जागरूकता फैलाने के लिए अपनी यात्रा को एक अभियान का रूप दिया है.

सनातनी रथ: धर्म प्रचार का अनूठा माध्यम

बवंडर बाबा की मोटरसाइकिल, जिसे वह 'सनातनी रथ' कहते हैं, धार्मिक प्रतीकों और संदेशों से सजी हुई है. यह न केवल उनकी यात्रा का माध्यम है, बल्कि उनके संदेश को व्यापक रूप से फैलाने का साधन भी है. उनकी बाइक पर लिखे संदेश धर्म और आस्था की रक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने का काम करते हैं.

महाकुंभ में विशेष योगदान

बवंडर बाबा की उपस्थिति महाकुंभ में धर्म और संस्कृति के संरक्षण के प्रति एक नई जागरूकता लेकर आई है. उनकी यात्रा ने श्रद्धालुओं को धार्मिक प्रतीकों के महत्व और उनके सम्मान के प्रति संवेदनशील होने का संदेश दिया है.

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