महाकुंभ 2025: जूना अखाड़े के 'चाय वाले बाबा' जोगी दास, चाय को बताया साधना का हिस्सा

महाकुंभ 2025: जूना अखाड़े के 'चाय वाले बाबा' जोगी दास, चाय को बताया साधना का हिस्सा

Date: Jan 22, 2025

By: Nitika Srivastava, Bharatraftar

चाय: साधना का माध्यम

बाबा जोगी दास का मानना है कि चाय केवल एक पेय नहीं है, बल्कि उनके लिए यह ध्यान और साधना का माध्यम है. उन्होंने महाकुंभ में श्रद्धालुओं से बातचीत के दौरान कहा, "चाय मुझे ऊर्जा और मानसिक शांति देती है. यह मेरे ध्यान और साधना को गहराई प्रदान करती है. यह केवल चाय नहीं, बल्कि मेरे जीवन का तप है."

श्रद्धालुओं के लिए विशेष आकर्षण

महाकुंभ में बाबा जोगी दास का शिविर श्रद्धालुओं से भरा रहता है. लोग उनके पास न केवल उनका आशीर्वाद लेने आते हैं, बल्कि उनके साथ चाय की चुस्की लेने का अनुभव भी साझा करते हैं. बाबा की सरलता और अनोखी साधना ने उन्हें श्रद्धालुओं के बीच विशेष स्थान दिलाया है.

12 वर्षों की साधना

बाबा जोगी दास ने बताया कि उन्होंने 12 साल पहले अपनी साधना के हिस्से के रूप में चाय पीना शुरू किया था. उनके अनुसार, चाय न केवल शरीर को ऊर्जावान बनाती है, बल्कि यह ध्यान और आत्मसंयम के लिए भी सहायक है. "चाय पीने के दौरान मैं अपने मन को शांत करता हूं और ध्यान की अवस्था में प्रवेश करता हूं. यह मेरी आत्मिक यात्रा का हिस्सा है," बाबा ने कहा.

चाय वाले बाबा का संदेश

बाबा जोगी दास महाकुंभ में आए श्रद्धालुओं को चाय के माध्यम से आत्मिक शांति और संतुलन का संदेश दे रहे हैं. उनका कहना है कि साधना का कोई एक रूप नहीं होता. हर व्यक्ति अपनी जीवनशैली और पसंद के अनुसार साधना का माध्यम चुन सकता है.

जूना अखाड़े में विशेष स्थान

जूना अखाड़े के अन्य संत भी बाबा जोगी दास की इस अनूठी साधना का सम्मान करते हैं. उनका मानना है कि बाबा का तरीका लोगों को ध्यान और साधना के प्रति प्रेरित करता है.

चाय वाले बाबा

महाकुंभ 2025 में 'चाय वाले बाबा' जोगी दास न केवल श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बने हैं, बल्कि उन्होंने साधना और ध्यान के प्रति एक नई सोच भी प्रस्तुत की है. उनकी साधना की यह अनोखी शैली महाकुंभ के आध्यात्मिक अनुभव में एक अलग रंग भर रही है.

Next: किस्मत से धनी लेकिन मन से बेचैन होते हैं इस मूलांक के लोग, जानिए क्या कहता है आपका अंक

Find out More..