महामंडलेश्वर अरुण गिरी उर्फ गोल्डन बाबा को मिला 251 किलो का स्वर्ण सिंहासन, जानिए इसके पीछे की वजह और महत्व
Date: Jan 24, 2025
By: Nitika Srivastava, Bharatraftar
महाकुंभ का मुख्य आकर्षण
प्रयागराज के महाकुंभ में 251 किलो सोने से बना स्वर्ण सिंहासन इस समय श्रद्धालुओं के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है।
‘गोल्डन बाबा’ का अनमोल सिंहासन
यह सिंहासन श्री पंच दशनाम आवाहन अखाड़े के पीठाधीश्वर, अवधूत बाबा आचार्य महामंडलेश्वर अरुण गिरी को उनके एक शिष्य ने भेंट किया है।
चार महीने में हुआ निर्माण
इस अद्भुत सिंहासन को तैयार करने में चार महीने का समय लगा और इसकी लागत को गोपनीय रखा गया है।
सोने की पवित्रता का प्रतीक
स्वर्ण को सभी धातुओं में पवित्र माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, स्वर्ण दिव्यता और पवित्रता का प्रतीक है।
अमावस्या स्नान पर होगा मुख्य आकर्षण
मौनी अमावस्या के दिन आचार्य महामंडलेश्वर अरुण गिरी इस स्वर्ण सिंहासन पर विराजमान होकर स्नान करेंगे, जो श्रद्धालुओं के लिए खास आकर्षण होगा।
आध्यात्मिक और ऐतिहासिक महत्व
श्रीमद्भगवद् गीता और रामायण में स्वर्ण को पवित्रता और दिव्यता से जोड़कर देखा गया है, जिसके चलते यह सिंहासन आध्यात्मिक महत्व रखता है।
सोशल मीडिया पर आकर्षण
यह स्वर्ण सिंहासन और इसके साथ बना मंच व स्टूल सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हो रहे हैं, जिससे इसे लेकर लोगों की उत्सुकता बढ़ रही है।
Next: गुस्सैल स्वभाव के होते हैं इस मूलांक के लोग, बजरंग बलि की रहती इनपर असीम कृपा
Find out More..