नागा साधुओं की महाकुंभ से काशी तक की परंपरा, महाकुंभ वापसी से पहले क्यों ढीला कर देते हैं धर्म ध्वज, अंतिम दिन खाते हैं

नागा साधुओं की महाकुंभ से काशी तक की परंपरा, महाकुंभ वापसी से पहले क्यों ढीला कर देते हैं धर्म ध्वज, अंतिम दिन खाते हैं

Date: Feb 09, 2025

By: Nitika Srivastava, Bharatraftar
धर्म ध्वज की डोर ढीली करना

धर्म ध्वज की डोर ढीली करना

महाकुंभ से प्रस्थान करने से पहले नागा साधु अपने शिविर में लगे धर्म ध्वज की डोर ढीली कर देते हैं, जो उनकी विदाई की निशानी होती है।

कढ़ी-पकौड़ी का भोज

कढ़ी-पकौड़ी का भोज

कुंभ मेले से विदा होने से पहले नागा साधु परंपरागत रूप से कढ़ी-पकौड़ी का भोज करते हैं।

तीनों शाही स्नान पूरे करना

तीनों शाही स्नान पूरे करना

नागा साधु कुंभ में तीनों प्रमुख अमृत स्नान करने के बाद ही वापस लौटते हैं।

ध्यान और साधना

अमृत स्नान के बाद साधु-संत कुछ समय के लिए ध्यान और साधना में लीन हो जाते हैं।

काशी विश्वनाथ की यात्रा

नागा साधु महाकुंभ से निकलकर सबसे पहले काशी विश्वनाथ पहुंचते हैं और वहां डेरा जमाते हैं।

शोभायात्रा और मसाने की होली

महाशिवरात्रि के अवसर पर नागा साधु बनारस में भव्य शोभायात्रा निकालते हैं और मसाने की होली खेलते हैं।

गंगा स्नान के बाद विदाई

महाशिवरात्रि पर गंगा स्नान करने के बाद नागा साधु अपने-अपने अखाड़ों में वापस लौट जाते हैं।

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