प्यार की कोई सीमा नहीं होती... दादा-दादी की अनोखी लव स्टोरी, जिनका हर दिन 'वैलेंटाइन डे' होता है
Date: Feb 08, 2025
By: Nitika Srivastava, Bharatraftar
अनदेखा लेकिन अटूट रिश्ता
शादी से पहले कभी मुलाकात नहीं हुई थी, लेकिन रिश्ता तय होते ही दोनों पूरी तरह समर्पित हो गए।
परिवार का समर्थन बना मजबूत आधार
ससुराल ने दहेज न लेने की बात कहकर उनके मन में सम्मान बढ़ा दिया।
गांव की जिंदगी में ढलने का संघर्ष
बनारस में पली-बढ़ी सूर्यबाला को शादी के बाद गाजीपुर के सैदपुर गांव में रहना पड़ा, लेकिन उन्होंने खुद को वहां पूरी तरह ढाल लिया।
शिक्षा और परंपरा का संतुलन
पीएचडी कर रही थीं, लेकिन परिवार की खुशी के लिए घूंघट भी निकालती थीं, जिससे घर में उन्हें बड़ा सम्मान मिला।
इशारों में पनपा प्यार
तब प्रेम का इज़हार खुलकर नहीं होता था, लेकिन इशारों की भाषा ही उन्हें और करीब ले आई।
जॉइंट फैमिली में प्यार का आनंद
सास, ननदों और पूरे परिवार के साथ बिताए गए पलों ने उनके रिश्ते को और खूबसूरत बना दिया।
आज भी वही प्यार और नोक-झोंक
उम्र के आठ दशक पार करने के बाद भी उनके दिन की शुरुआत चाय से होती है, जिसे उनके पति बनाकर देते हैं, और दिनभर मीठी नोक-झोंक चलती रहती है।
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