महाकुंभ में पहुंचीं ‘वॉटर वुमन’ शिप्रा पाठक: संगम की स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण का संदेश

महाकुंभ में पहुंचीं ‘वॉटर वुमन’ शिप्रा पाठक: संगम की स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण का संदेश

Date: Jan 22, 2025

By: Nitika Srivastava, Bharatraftar

‘एक थाली, एक थैला’ अभियान का संदेश

शिप्रा पाठक का यह अभियान लोगों को प्लास्टिक का उपयोग कम करने और प्रकृति के प्रति जिम्मेदार बनने के लिए प्रेरित करता है. वह हर व्यक्ति से अपील करती हैं कि वे एक थाली और एक थैला अपने साथ रखें, जिससे प्लास्टिक के कचरे को कम किया जा सके. उनके इस अभियान ने देशभर में जागरूकता फैलाने का काम किया है. ‘एक थाली, एक थैला’ अभियान में उनके साथ 15 लाख लोग जुड़े हैं.

संगम की स्वच्छता पर फोकस

शिप्रा पाठक ने महाकुंभ के दौरान संगम की स्वच्छता के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि संगम तट पर स्वच्छता और व्यवस्था देखकर यह साफ जाहिर होता है कि राज्य सरकार पर्यावरण संरक्षण के लिए गंभीर है. शिप्रा ने सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि कुंभ जैसे आयोजनों में स्वच्छता का ध्यान रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है.

25 लाख पौधे: एक बड़ी उपलब्धि

शिप्रा पाठक ने नदियों के किनारे 25 लाख पौधे लगाकर न केवल पर्यावरण संरक्षण में योगदान दिया है, बल्कि उन्होंने नदियों को स्वच्छ और हरित बनाने का संदेश भी दिया है. उनका यह प्रयास स्थानीय समुदायों को भी प्रेरित कर रहा है कि वे अपनी नदियों और पर्यावरण की रक्षा के लिए कदम उठाएं. शिप्रा पाठक पर्यावरण संरक्षण को लेकर अब तक 13 हजार किलोमीटर की पदयात्रा कर चुकी हैं.

महाकुंभ से जागरूकता का संदेश

महाकुंभ जैसे बड़े धार्मिक आयोजनों में पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाना शिप्रा पाठक का प्रमुख उद्देश्य है. उनके प्रयास यह संदेश देते हैं कि आध्यात्मिकता और पर्यावरण संरक्षण साथ-साथ चल सकते हैं.

‘वॉटर वुमन’ के नाम से मशहूर

‘वॉटर वुमन’ के नाम से मशहूर शिप्रा पाठक का काम न केवल पर्यावरण प्रेमियों के लिए प्रेरणास्त्रोत है, बल्कि यह समाज को एक नई दिशा देता है. उनकी प्रतिबद्धता और अभियान यह दिखाते हैं कि अगर इरादे मजबूत हों, तो बड़े बदलाव संभव हैं.

शिप्रा पाठक का संदेश

महाकुंभ 2025 के दौरान शिप्रा पाठक का संदेश साफ है—धार्मिक आयोजनों के साथ पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता को प्राथमिकता देना जरूरी है. उनका अभियान 'एक थाली, एक थैला' और नदियों के किनारे पौधारोपण का प्रयास एक सशक्त और सकारात्मक पहल है.

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