महाकुंभ का अंतिम अमृत स्नान क्यों है बेहद खास? जानें शुभ संयोग मुहूर्त और दान का महत्व
Date: Jan 23, 2025
By: Nitika Srivastava, Bharatraftar
महाकुंभ का अंतिम अमृत स्नान
महाकुंभ का अंतिम अमृत स्नान 26 फरवरी 2025 को महाशिवरात्रि के अवसर पर होगा, जो बेहद शुभ माना जा रहा है।
महाशिवरात्रि की तिथि और समय
महाशिवरात्रि की शुरुआत 26 फरवरी को सुबह 11:08 बजे होगी और समाप्ति 27 फरवरी को सुबह 8:54 बजे होगी।
तीन दुर्लभ शुभ योगों का निर्माण
इस दिन शिव योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग का निर्माण होगा, जो महाकुंभ के स्नान को और अधिक फलदायक बनाएंगे।
शिव योग का महत्व
शिव योग के दौरान तीर्थ स्नान और दान कई गुना पुण्यकारी होता है। इस योग में किए गए कार्य विशेष फल देते हैं।
सर्वार्थ सिद्धि योग की खासियत
सर्वार्थ सिद्धि योग को सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाला माना जाता है। इस योग में संगम स्नान और पूजा का विशेष महत्व है।
रवि योग का महत्व
रवि योग शुभ कार्यों को सफल बनाने वाला है। इस योग में संगम स्नान से सौभाग्य और समृद्धि प्राप्त होती है।
मोक्ष और पुण्य की प्राप्ति
मान्यताओं के अनुसार, महाकुंभ के अंतिम अमृत स्नान पर इन शुभ योगों के दौरान गंगा स्नान करने से मोक्ष और अत्यधिक पुण्य प्राप्त होता है।
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