व्यासानंद गिरि से ममता कुलकर्णी तक...महामंडलेश्वर की पदवी पर विवाद, जाने कौन-कौन है लिस्ट में शामिल
Date: Feb 07, 2025
By: Nitika Srivastava, Bharatraftar
साध्वी सत्यप्रिया गिरी
श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी में महामंडलेश्वर बनीं, भोपाल की रहने वाली हैं और 8 साल की उम्र में पहली श्रीमद्भागवत कथा सुनाई थी।
ममता कुलकर्णी
90 के दशक की फिल्म एक्ट्रेस को किन्नर अखाड़ा ने महामंडलेश्वर बनाया, लेकिन विवाद के चलते पद वापस ले लिया गया।
लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी
किन्नर अखाड़े की पहली महामंडलेश्वर बनीं, लेकिन बाद में उन्हें निष्कासित कर दिया गया।
हिमांगी सखी
विश्व की पहली किन्नर भागवताचार्य महामंडलेश्वर बनीं, नेपाल के पशुपतिनाथ पीठ अखाड़े से उपाधि मिली।
संतोष दास उर्फ सतुआ बाबा
11 साल की उम्र में संन्यास लिया, वाराणसी के मणिकर्णिका घाट स्थित आश्रम में रहते हैं, काशी विश्वनाथ के प्रतिनिधि माने जाते हैं।
अमेरिका के व्यासानंद गिरि
श्रीनिरंजनी अखाड़े में महामंडलेश्वर बने, 15 साल की उम्र में संन्यास लिया और महर्षि महेश योगी के शिष्य रहे।
महामंडलेश्वर पदवी पर विवाद
ममता कुलकर्णी और लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के महामंडलेश्वर बनने को लेकर काफी विवाद हुआ, जिससे अखाड़ों में भी मतभेद उभरे।
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