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टेस्ट से संन्यास के बाद विराट कोहली पहुंचे वृंदावन, तीसरी बार संत से लिया आशीर्वाद, अब कहां जा रहे हैं कोहली?

Virat Kohli Retirement News: विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास के बाद वृंदावन में संत प्रेमानंद महाराज से तीसरी बार मुलाकात की। जानिए क्यों इस मुलाकात को विराट की नई शुरुआत माना जा रहा है।

टेस्ट से संन्यास के बाद विराट कोहली पहुंचे वृंदावन, तीसरी बार संत से लिया आशीर्वाद, अब कहां जा रहे हैं कोहली?

भारतीय क्रिकेट टीम के महान बल्लेबाज विराट कोहली ने टेस्ट फॉर्मेट से संन्यास लेने के कुछ ही घंटों बाद अपनी पत्नी अनुष्का शर्मा के साथ वृंदावन के पावन स्थल केली कुंज आश्रम में संत प्रेमानंद महाराज से मुलाकात की। मंगलवार की भोर में हुई इस भेंट को विराट की आध्यात्मिक यात्रा का अहम पड़ाव माना जा रहा है, जो उनकी क्रिकेटिंग यात्रा की तरह ही अनुशासित और भावनात्मक रही है।

तीसरी बार पहुंचे संत प्रेमानंद के चरणों में
यह विराट कोहली की तीसरी मुलाकात थी संत प्रेमानंद महाराज से। इससे पहले उन्होंने 4 जनवरी 2023 और 10 जनवरी 2025 को भी महाराज के दर्शन किए थे। 2023 में जब उन्होंने आशीर्वाद लिया था, उसके बाद उनके फॉर्म में जबरदस्त उछाल देखा गया। 2025 में भी कोहली ने इसी आश्रम में आकर मैदान में अच्छे प्रदर्शन की प्रार्थना की थी। अब, टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहने के बाद, विराट का उसी संत से मिलने आना एक आध्यात्मिक पूर्णता जैसा प्रतीत होता है।

संन्यास का फैसला: एक युग का अंत
विराट कोहली ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में टेस्ट से रिटायरमेंट का ऐलान करते हुए लिखा, "यह फैसला आसान नहीं है, लेकिन सही लगता है।" उन्होंने कहा कि उन्होंने इस फॉर्मेट को सब कुछ दिया और बदले में बहुत कुछ पाया। उनके आँकड़े इस बात की तस्दीक करते हैं 123 टेस्ट, 9230 रन, 30 शतक और 46.85 का औसत। वह सिर्फ आंकड़ों के खिलाड़ी नहीं, टेस्ट क्रिकेट के सच्चे दूत थे।

कप्तान कोहली: एक अग्निपथ
कोहली की कप्तानी में भारत ने 68 टेस्ट में से 40 में जीत दर्ज की। यह उस भारतीय टेस्ट टीम की गवाही है, जिसने आक्रामकता, फिटनेस और निरंतरता को नई परिभाषा दी। उनकी आक्रामक कप्तानी ने टीम इंडिया को न सिर्फ घरेलू बल्कि विदेशी सरजमीं पर भी डरावना बना दिया।

एक नई शुरुआत की ओर
अब जबकि रविचंद्रन अश्विन और रोहित शर्मा भी टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह चुके हैं, विराट का संन्यास एक युग के पूर्णविराम जैसा है। लेकिन विराट कोहली की वृंदावन यात्रा यह इशारा देती है कि यह एक अंत नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक पुनर्जन्म है — एक नई दिशा की शुरुआत।