जयपुर में 500 करोड़ का फर्जी चंदा घोटाला
आयकर विभाग की दो राजनीतिक दलों पर छापेमारी

जयपुर में आयकर विभाग ने दो गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों, भारतीय सामाजिक पार्टी और युवा भारत आत्मनिर्भर दल के ठिकानों पर बड़ी छापेमारी की। इस कार्रवाई में पता चला कि इन दलों ने 500 करोड़ रुपए से ज्यादा का फर्जी चंदा लिया और कमीशन काटकर यह रकम दानदाताओं को नकद में वापस की। आयकर विभाग ने जयपुर के सांगानेर और प्रतापनगर हल्दीघाटी इलाकों में 10 जगहों पर छापे मारे, जहां करीब 100 करोड़ रुपए के संदिग्ध चंदे का खुलासा हुआ। यह कार्रवाई देशभर में 200 से ज्यादा ठिकानों पर चल रही है, जिसमें फर्जी चंदे, मेडिकल खर्च और ट्यूशन फीस के दावों की जांच हो रही है। सूत्रों के मुताबिक, यह एक बड़ा टैक्स चोरी का मामला है, जिसमें लोग आयकर की धारा 80 GGC के तहत फर्जी दान दिखाकर टैक्स छूट ले रहे थे।
आयकर विभाग को शक था कि ये दोनों दल, जो चुनाव आयोग में रजिस्टर्ड हैं लेकिन गैर-मान्यता प्राप्त हैं, टैक्स बचाने के लिए फर्जी चंदे का खेल चला रहे थे। इन दलों ने चेक, आरटीजीएस या एनईएफटी के जरिए चंदा लिया और 5 से 10 फीसदी कमीशन काटकर रकम नकद में वापस कर दी। इस तरह दानदाता अपनी आय का बड़ा हिस्सा दान के रूप में दिखाकर टैक्स छूट लेते थे। जांच में पाया गया कि कई दानदाताओं ने अपनी सालाना आय से ज्यादा चंदा दिखाया, जो संदेहास्पद था। मिसाल के तौर पर, हैदराबाद में एक आईटी कर्मचारी ने 46 लाख की कमाई में 45 लाख का दान दिखाया था। ऐसी धोखाधड़ी में शामिल लोगों में सैलरी पाने वाले, खासकर आईटी सेक्टर के कर्मचारी, शामिल थे।
विभाग ने छापेमारी में फर्जी रसीदें, कमीशन के हिसाब की डायरी और व्हाट्सएप चैट जैसे सबूत जुटाए, जो इस घोटाले की पुष्टि करते हैं। इन दलों ने चंदे को सामाजिक या राजनीतिक खर्च के नाम पर शेल कंपनियों को ट्रांसफर किया, जो बाद में नकद में दानदाताओं को लौटा दी गई। आयकर विभाग ने 4000 से ज्यादा दानदाताओं को नोटिस भेजे हैं, जिसमें पूछा गया है कि उनकी टैक्स छूट क्यों न रद्द की जाए। चार्टर्ड अकाउंटेंट सुलभ पडशाह के मुताबिक, अगर दानदाता अपने दावे साबित नहीं कर पाए, तो उन्हें टैक्स, ब्याज और 200 फीसदी तक जुर्माना देना पड़ सकता है।
यह घोटाला कोई नया नहीं है, 2022 में भी गुजरात, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में 20 से ज्यादा गैर-मान्यता प्राप्त दलों पर छापे पड़े थे, जिसमें 2000 करोड़ रुपए के फर्जी चंदे का खुलासा हुआ था। तब 23 दलों और 35 बिचौलियों की जांच हुई थी। इस बार जयपुर में शुरू हुई कार्रवाई से सरकार को टैक्स चोरी रोकने में मदद मिलेगी। विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे अपनी आयकर रिटर्न सुधार लें, वरना सख्त कार्रवाई होगी। यह मामला न केवल टैक्स चोरी, बल्कि राजनीतिक दलों की पारदर्शिता पर भी सवाल उठाता है।