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38 दिन तक दर्ज नहीं किया नाबालिग का रेप केस, पोक्सो कोर्ट ने बनाया आरोपी, जानें अजब थानेदार की गजब कहानी

थानाधिकारी को नाबालिग पीड़िता का केस न रजिस्टर करना बहुत भारी पड़ी गया. पोक्सो कोर्ट ने थानेदार की लापरवाही और मनमानी को ध्यान में रखते हुए उसे ही पूरे किस्से का दोषी ठहराया है, जानें क्या है पूरा मामला. 

38 दिन तक दर्ज नहीं किया नाबालिग का रेप केस, पोक्सो कोर्ट ने बनाया आरोपी, जानें अजब थानेदार की गजब कहानी

जालोर, राजस्थान से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां बागोड़ा थाने के थानाधिकारी की लापरवाही पर पोक्सो कोर्ट ने सख्त कदम उठाया है. थानेदार अरुण कुमार ने एक नाबालिग लड़की से रेप के प्रयास का केस 38 दिनों तक दर्ज नहीं किया, जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें आरोपी बनाकर समन जारी किया. कोर्ट ने थानेदार को 27 जनवरी को पेश होने के आदेश दिए हैं.

क्या है मामला?
यह घटना जालोर जिले के बागोड़ा थाने से जुड़ी है. 3 दिसंबर 2024 को नाबालिग लड़की से रेप के प्रयास की घटना हुई. पीड़िता की मां ने तुरंत थाने में शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया. पीड़िता और उसकी मां ने कई बार थाने के चक्कर काटे. यहां तक कि 27 दिसंबर को एसपी ऑफिस में शिकायत दर्ज कराई गई. बावजूद इसके, बागोड़ा थाने ने कार्रवाई नहीं की.

कोर्ट का हस्तक्षेप और आदेश
थाने में न्याय नहीं मिलने पर पीड़िता ने 4 जनवरी को पोक्सो कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. 7 जनवरी को कोर्ट ने मामले पर संज्ञान लेते हुए एसपी से तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी. इसके बाद 10 जनवरी को एफआईआर दर्ज की गई. न्यायाधीश भूपेंद्र कुमार सनाढ्य ने इस मामले को गंभीर लापरवाही करार दिया. कोर्ट ने सबूतों के आधार पर घटना को साबित मानते हुए थानाधिकारी को आरोपी बनाया.

घटना का विवरण
जांच में खुलासा हुआ कि पीड़िता के पिता और उनके साथी नशे के आदी थे. जब पीड़िता की मां ने उन्हें रोकने की कोशिश की, तो उन्होंने मारपीट की. इस पर पीड़िता की मां ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, और आरोपी गिरफ्तार हुए. लेकिन 3 दिसंबर को आरोपी जमानत पर छूटकर आए और पीड़िता की मां से बदला लेने की कोशिश की.

उस दिन नाबालिग जब किराने की दुकान पर गई थी, तब आरोपियों ने उसे रास्ते में रोक लिया और दुष्कर्म का प्रयास किया. लड़की की चीख सुनकर उसकी मां मौके पर पहुंची और उसे बचाया. इसके बाद मां-बेटी ने थाने में शिकायत दर्ज करानी चाही, लेकिन थानेदार ने केस दर्ज करने से इनकार कर दिया.

पोक्सो कोर्ट का फैसला
कोर्ट ने 38 दिनों तक मामला दर्ज न होने को गंभीर अपराध मानते हुए थानाधिकारी को लापरवाही का दोषी ठहराया. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि पीड़िता और उसकी मां को न्याय दिलाने में यह घटना एक महत्वपूर्ण मोड़ है.