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गैर-हिंदू कर्मचारियों पर तिरुपति का बड़ा एक्शन! नौकरी से हटाने का फैसला, धार्मिक कार्यक्रमों से भी रोक

तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ने गैर-हिंदू कर्मियों की नियुक्ति पर पूरी तरह रोक लगाई है। 18 ईसाई कर्मचारियों पर कार्रवाई, ट्रांसफर या VRS का विकल्प। जानिए पूरा मामला।

गैर-हिंदू कर्मचारियों पर तिरुपति का बड़ा एक्शन! नौकरी से हटाने का फैसला, धार्मिक कार्यक्रमों से भी रोक

तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ने मंगलवार को एक ऐतिहासिक और विवादास्पद फैसला लिया है। बोर्ड ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अब किसी भी गैर-हिंदू को तिरुपति के संस्थानों में नौकरी नहीं दी जाएगी, और न ही वे किसी धार्मिक या प्रशासनिक पद के सदस्य बन सकेंगे।

यह निर्णय ट्रस्ट बोर्ड की बैठक में लिया गया, जिसकी अध्यक्षता कार्यकारी अधिकारी जे श्यामला राव ने की। बैठक तिरुमाला स्थित अन्नामय्या भवन में हुई, जिसमें बोर्ड ने सर्वसम्मति से गैर-हिंदू कर्मचारियों के स्थानांतरण या स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) की सिफारिश की।

गैर-हिंदू कर्मचारी अब ट्रांसफर या वीआरएस के विकल्प में
बोर्ड के अनुसार, जो गैर-हिंदू पहले से संस्थानों में कार्यरत हैं, उन्हें या तो आंध्र प्रदेश सरकार के अन्य विभागों में ट्रांसफर किया जाएगा, या फिर स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (VRS) लेने का विकल्प दिया जाएगा। इससे पहले तिरुपति के संस्थानों में लगभग 40 गैर-हिंदू कर्मचारी काम कर रहे थे।

फरवरी में उठी थी विवाद की चिंगारी
इस साल फरवरी 2025 में 18 गैर-हिंदू कर्मचारियों पर गैर-हिंदू धार्मिक गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगा था। इन सभी पर ईसाई प्रार्थनाओं और सभाओं में भाग लेने का आरोप था। इसके बाद इन सभी कर्मचारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की गई थी और धार्मिक व आध्यात्मिक कार्यक्रमों में भागीदारी पर रोक लगा दी गई थी।

कौन हैं ये 18 कर्मचारी?
बोर्ड के अनुसार, ये सभी 18 कर्मचारी ईसाई धर्म से संबंध रखते हैं और तिरुपति के विभिन्न संस्थानों में कार्यरत हैं, जिनमें प्रोफेसर, हॉस्टल स्टाफ, इंजीनियर, नर्स, सहायक और कार्यालय अधीनस्थ शामिल हैं। हालांकि, इन कर्मचारियों में से कोई भी तिरुमाला मंदिर में सीधे कार्यरत नहीं था।

धर्मनिष्ठा की शपथ लेना अनिवार्य
तिरुपति बोर्ड के सेवा नियमों के अनुसार, TTD संस्थानों में काम करने वाले सभी कर्मियों को यह शपथ लेनी होती है कि वे केवल हिंदू धर्म और परंपराओं का पालन करेंगे। यह नियम 24 अक्टूबर 1989 के G.O.Ms No. 1060 के तहत लागू है, जिसमें साफ कहा गया है कि गैर-हिंदू धार्मिक गतिविधियों में शामिल होना नियमों का उल्लंघन माना जाएगा।

क्या है तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम?
TTD दुनिया के सबसे धनी और प्रतिष्ठित मंदिर ट्रस्टों में से एक है, जो भगवान वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर (तिरुपति बालाजी) का प्रबंधन करता है। यह सिर्फ धार्मिक स्थल ही नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर माना जाता है, जहां परंपरा और आस्था सर्वोपरि हैं।