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बाथरूम में बंद हुआ सांस का मरीज, बाहर से लगी कुंडी और अंदर ही खत्म हो गई जिंदगी – भरतपुर हॉस्पिटल की लापरवाही या साजिश?"

Bharatpur News: भरतपुर के आरबीएम हॉस्पिटल में सांस के मरीज की बाथरूम में दम घुटने से मौत। बाहर से लगी कुंडी के बाद अंदर फंसा रहा मरीज, पुलिस कर रही है जांच – साजिश या लापरवाही?

बाथरूम में बंद हुआ सांस का मरीज, बाहर से लगी कुंडी और अंदर ही खत्म हो गई जिंदगी – भरतपुर हॉस्पिटल की लापरवाही या साजिश?"

राजस्थान के भरतपुर स्थित आरबीएम हॉस्पिटल में एक दर्दनाक और चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसने सरकारी अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यहां एक सांस की बीमारी से जूझ रहे मरीज की बाथरूम में दम घुटने से मौत हो गई। बताया जा रहा है कि जब मरीज बाथरूम गया तो बाहर से किसी ने कुंडी लगा दी, और वह भीतर से मदद मांगता रहा, लेकिन किसी ने आवाज नहीं सुनी।

दम घुटने से हुई मौत, डॉक्टरों ने मृत घोषित किया
मृतक की पहचान बुद्धि पुत्र प्यारेलाल (50) के रूप में हुई है, जो शहर के नदिया मोहल्ला का निवासी था और अकेला रहता था। शुक्रवार दोपहर वह हॉस्पिटल की तीसरी बिल्डिंग के बाथरूम में गया, जहां किसी व्यक्ति ने अनजाने या जानबूझकर बाहर से कुंडी बंद कर दी।

कुछ समय बाद एक अन्य मरीज बाथरूम में गया तो उसने बुद्धि को अचेत अवस्था में पाया। तत्काल हॉस्पिटल स्टाफ को सूचित किया गया और उसे इमरजेंसी वार्ड ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

मरीज के पास नहीं था कोई परिजन, बोलने में भी थी दिक्कत
सूत्रों के अनुसार, मृतक व्यक्ति अकेले जीवन यापन करता था और किसी परिजन की जानकारी अस्पताल के पास नहीं थी।
सांस की गंभीर समस्या के चलते बोलने में भी कठिनाई होती थी, जिससे संभावना है कि वह बाहर आवाज नहीं पहुँचा पाया।

साजिश या लापरवाही? जांच में जुटी पुलिस
घटना के बाद मथुरा गेट थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और इस बिंदु की जांच की जा रही है कि क्या बाहर से कुंडी जानबूझकर लगाई गई थी या यह मानवीय भूल थी।
CCTV फुटेज और स्टाफ से पूछताछ के आधार पर मामले की तह तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है।

हॉस्पिटल प्रशासन की चुप्पी पर सवाल
इस घटना के बाद स्थानीय लोगों और मरीजों में गहरी नाराजगी है। सवाल यह उठ रहा है कि अस्पताल में बाथरूम जैसी जगहों की मॉनिटरिंग क्यों नहीं होती, और कोई मरीज अगर फंस जाए तो आपातकालीन मदद का क्या इंतजाम है?