र्मदा तट पर आत्मिक ऊर्जा से सजी सुबह: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की गुजरात यात्रा बनी आस्था और संस्कृति का प्रतीक
Bhajan Lal Sharma Morning Walk: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने गुजरात के केवड़िया में मां नर्मदा के तट पर मॉर्निंग वॉक और पूजा-अर्चना कर आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त किया। जानिए इस यात्रा के खास पल और उनके भावनात्मक संदेश।

राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का हालिया गुजरात दौरा न केवल राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण रहा, बल्कि आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और व्यक्तिगत जुड़ाव का भी जीवंत उदाहरण बन गया। मंगलवार की सुबह, केवड़िया में मां नर्मदा के पावन तट पर जब उन्होंने मॉर्निंग वॉक की शुरुआत की, तो वह पल केवल एक शारीरिक व्यायाम नहीं था, बल्कि आत्मा की शांति और प्रकृति से संवाद का गवाह भी बना।
मुख्यमंत्री के साथ इस सुहाने अनुभव में केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव और राजस्थान के कई विधायकगण भी सहभागी रहे। सूरज की पहली किरणें जब नर्मदा की शांत लहरों पर पड़ीं, तो वह दृश्य किसी ध्यानस्थ योगी की शांति जैसा प्रतीत हुआ। खुद मुख्यमंत्री ने इस क्षण को “आध्यात्मिक आनंद और मानसिक शांति” से परिपूर्ण बताया।
पूजा-अर्चना के साथ भक्ति में लीन हुए मुख्यमंत्री
इससे पहले, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जे.पी. नड्डा के साथ मां नर्मदा के दिव्य स्वरूप के दर्शन कर विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की। इस दौरान उन्होंने प्रदेशवासियों के कल्याण, सुख-समृद्धि और निरोगी जीवन की कामना की। उनका यह भावुक पक्ष सोशल मीडिया पर भी खूब सराहा गया, जहां उन्होंने लिखा, “मां नर्मदा के दर्शन से आत्मा तक शुद्ध हो गई।”
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी में लौह पुरुष को दी श्रद्धांजलि
मुख्यमंत्री की गुजरात यात्रा का एक और महत्वपूर्ण पड़ाव रहा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी। सरदार वल्लभभाई पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा के सामने खड़े होकर उन्होंने न केवल उन्हें श्रद्धांजलि दी, बल्कि भारत की एकता और अखंडता के लिए उनके योगदान को याद करते हुए लिखा, “यह प्रतिमा सिर्फ संरचना नहीं, बल्कि राष्ट्रप्रेम और साहस का जीवंत प्रतीक है।”
आध्यात्मिक ऊर्जा से भरी यात्रा बनी प्रेरणा का स्रोत
यह यात्रा केवल एक औपचारिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि आस्था, प्रकृति और नेतृत्व के त्रिवेणी संगम का प्रमाण बन गई। मुख्यमंत्री शर्मा का यह अंदाज़ बताता है कि सार्वजनिक जीवन में आध्यात्मिकता और संस्कृति की जड़ों से जुड़ना कितनी बड़ी शक्ति देता है।