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50 मर्डर, किडनी रैकेट और मगरमच्छों की नहर,पढ़ें दौसा से पकड़े गए 'डेथ डॉक्टर' की खौफनाक कहानी

दिल्ली पुलिस ने 'डेथ डॉक्टर' देवेंद्र शर्मा को राजस्थान के दौसा से गिरफ्तार किया। यह पढ़ा-लिखा डॉक्टर कई लोगों की  हत्या कर चुका है और अवैध किडनी रैकेट चलाता था। जानिए पूरी खौफनाक कहानी।

50 मर्डर, किडनी रैकेट और मगरमच्छों की नहर,पढ़ें  दौसा  से पकड़े गए 'डेथ डॉक्टर' की खौफनाक कहानी

Crime News: कत्ल से जड़ी कई खौफनाक कहानी आपने सुनी होंगी लेकिन आज हम आपको उस सीरियल किलर की कहानी बताएंगे। जिसे हाल में दिल्ली पुलिस ने राजस्थान से गिरफ्तार किया है। ये किलर बीते साल पुलिस की गिरफ्त से फरार हो गया था। पुलिस लंबे समय से तलाश रही थी, आखिरकार इसे दौसा स्थित एक आश्रम से पकड़ लिया गया। ये कहानी जितनी आसान लगती है तो उतनी है नहीं। ये शख्स कोई आम इंसान नहीं है बल्कि पढ़ा लिखा डॉक्टर है। जो पैसा कमाने की आड़ में लोगों की हत्या करता था, किसी को शक ना हो इसलिए शवों को यूपी के साथ कासगंज स्थित हजारा नहर में फेंक देता था। बता दें, इस नहर में हजारों मगरमच्छ हैं। कोर्ट ने आरोपी को दोषी पाते हुए सजा भी सुनाई थी। 

आखिर क्या है पूरा मामला ?

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस आरोपी डॉक्टर का नाम देवेंद्र शर्मा है। जिसे 'Death Doctor' के नाम से भी जाना जाता है। ये अपने साथियों के साथ किडनी बेचना काम करता था। वह फर्जी यात्रा के नाम पर टैक्सी ड्राइवरों को घर पर बुलाता था और उनकी हत्या कर देता थी। किसी को शक ना हो इसलिए वाहनों को किसी दूसरे शहर में जाकर बेचता था। वहीं, शवों की किडनी निकालकर नहर में फेंक देता था, ताकि किसी को सुबूत ना मिले। शर्मा ने 50 से ज्यादा लोगों को शिकार बनाया था। वह किडनी ट्रांसप्लांट के अवैध धंधे को लेकर कुख्यात था। बताया जाता है, उसका कॉन्टेक्ट कई राज्यों में था। 

खुद कबूल किया जुर्म

पुलिस के सामने देवेंद्र शर्मा ने कबूल किया था, उसने ये काम डॉ अमित से मिलने के बाद 1998 में शुरू किया था। जो दिल्ली, गुरुग्राम और कई राज्यों में अवैध किडनी ट्रांसप्लान्ट का धंधा करता था। अमित ने उसे  डोनर लाने पर 10 लाख रुपए देने का वादा किया था। पैसों के लालच में देवेंद्र राजी हो गया। वह टैक्सी ड्राइवरों के साथ गरीब लोगों को पैसे के जाल में फंसाकर डॉक्टर अमित के पास लाता था। जहां दोनों निर्दोषों की हत्या कर किडनी निकालते और शव हजारा नदी में फेंक देते। पुलिस ने इस केस का भंडाफोड़ 2004 में करते हुए आरोपी देवेंद्र और अमित को गुरुग्राम से गिरफ्तार किया था। 

अदालत ने सुनाई थी मौत की सजा

देवेंद्र ने पुलिस कार्रवाई से बचने के लिए कई बार अदालत का दरवाजा खटखटाया। दिल्ली से लेकर राजस्थान, हरियाणा की अदालत ने अलग-अलग मामलों में उसे मौत की सजा सुनाई। वह तिहाड़ जेल में बंद था लेकिन 2023 में उसे पैरोल मिली ,वह फरार हो गया  हालांकि वह फिर से पुलिस की गिरफ्त में हैं।