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यहां होली के दिन जलते अंगारों पर चलते हैं लोग, आज भी निभाई जा रही 1000 साल पुरानी परंपरा

Unique Holi Tradition: राजस्थान के डूंगरपुर जिले के कोकापुर गांव में होली के अगले दिन एक अनोखी परंपरा निभाई जाती है, जहां ग्रामीण जलते अंगारों पर नंगे पांव चलते हैं। इस प्रथा को देखने के लिए हजारों लोग जुटते हैं। इसे आस्था और साहस का संगम माना जाता है, जो सदियों से चली आ रही है। गांववासियों का विश्वास है कि इस अनुष्ठान से सभी पर देवी-देवताओं की कृपा बनी रहती है और किसी भी प्रकार की विपत्ति गांव से दूर रहती है। यह परंपरा भारत की सांस्कृतिक धरोहर का एक अद्भुत उदाहरण है।

यहां होली के दिन जलते अंगारों पर चलते हैं लोग, आज भी निभाई जा रही 1000 साल पुरानी परंपरा

राजस्थान का हर कोना अपने अनूठे त्योहारों और परंपराओं के लिए जाना जाता है, लेकिन डूंगरपुर जिले के आदिवासी बहुल कोकापुर गांव की होली कुछ खास है। यहां के ग्रामीण होली के अगले दिन एक ऐसी परंपरा निभाते हैं, जिसे देखना किसी रोमांच से कम नहीं। गांव के लोग जलती हुई होलिका के अंगारों पर नंगे पांव चलते हैं, और यह प्रथा सदियों से चली आ रही है।

दहकते अंगारों पर चलने की अनोखी परंपरा
होलिका दहन के बाद, जब अग्नि की लपटें शांत हो जाती हैं और केवल लाल-लाल अंगारे बचे रहते हैं, तब कोकापुर गांव के पुरुष नंगे पैर उन पर चलते हैं। इसे देखने के लिए आसपास के गांवों से हजारों लोग यहां पहुंचते हैं। ग्रामीणों का मानना है कि इस अनुष्ठान से गांव पर कोई विपत्ति नहीं आती और सभी का स्वास्थ्य अच्छा रहता है।

आस्था, साहस और परंपरा का संगम
कोकापुर के निवासी इस अनुष्ठान को महज एक परंपरा नहीं, बल्कि अपनी गहरी आस्था का प्रतीक मानते हैं। उनका विश्वास है कि यदि कोई व्यक्ति पूरी श्रद्धा और भक्ति से अंगारों पर चले, तो उसे कोई क्षति नहीं पहुंचती। अब तक इस परंपरा में कोई अनहोनी नहीं हुई है, जिससे इस अनुष्ठान के प्रति लोगों की आस्था और भी गहरी हो गई है।

हजारों की भीड़ उमड़ती है इस आयोजन में
इस अद्भुत दृश्य को देखने के लिए दूर-दूर से लोग यहां आते हैं। गांव के बुजुर्ग बताते हैं कि यह परंपरा हजारों साल पुरानी है और पीढ़ी-दर-पीढ़ी इसका पालन किया जा रहा है। यह आयोजन होली के रंगों और उत्सव के साथ गांववासियों के विश्वास को भी मजबूत करता है।

डूंगरपुर की यह अनूठी परंपरा न केवल साहस का परिचय देती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि भारत के त्योहार सिर्फ उत्सव नहीं, बल्कि गहरी आस्था और आध्यात्मिकता से जुड़े होते हैं।