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64 लाख का रेलवे घोटाला: ठेकेदारों और कर्मचारियों की ‘मिलभगत मंडली’ का CBI ने किया भंडाफोड़!

Jodhpur railway scam: जोधपुर रेलवे में छह ठेकेदारों ने कर्मचारियों से मिलकर 64.42 लाख रुपए का गबन किया। डिमांड ड्राफ्ट से हुए इस फर्जीवाड़े में CBI ने केस दर्ज किया है। जानिए पूरी घटना।

64 लाख का रेलवे घोटाला: ठेकेदारों और कर्मचारियों की ‘मिलभगत मंडली’ का CBI ने किया भंडाफोड़!
रेलवे घोटाला जोधपुर

राजस्थान के जोधपुर रेलवे मंडल से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें रेलवे के पे एंड यूज टॉयलेट्स और पार्किंग टेंडर्स में भारी गबन किया गया। छह ठेकेदारों और रेलवे कर्मचारियों की मिलीभगत से 64.42 लाख रुपए का राजस्व नुकसान हुआ है। इस मामले में सीबीआई ने IPC की धारा 120B, 409, 420, 465, 471 और PC एक्ट की धारा 13(2) r/w 13(1)(A) के तहत केस दर्ज कर लिया है।

CBI की एंट्री: जब सिस्टम के अंदर ही था सिस्टम का दुश्मन
रेलवे की आंतरिक ऑडिट टीम ने मई 2022 से मई 2024 के बीच की आय का मिलान किया तो पाया कि 8 जगहों पर ठेकेदारों और कर्मचारियों ने मिलकर गबन किया। वरिष्ठ मंडल वाणिज्यिक प्रबंधक विकास खेड़ा द्वारा की गई शिकायत के आधार पर CBI ने केस दर्ज किया।

कैसे हुआ घोटाला? बैंक डिमांड ड्राफ्ट से रचा गया जाल
ठेकेदारों ने रेलवे को जो लाइसेंस फीस जमा करनी थी, उसके लिए डिमांड ड्राफ्ट (DD) बनाए, लेकिन बाद में वो डीडी रद्द करवा लिए गए या वापस अपने खातों में जमा कर लिए गए। इस तरह रेलवे को सीधे तौर पर करोड़ों का नुकसान हुआ। केवल डीडी रद्द करने से ही 39.43 लाख रुपए की चपत रेलवे को लगी।

राईका बाग स्टेशन: घोटाले की जड़ या पहला चेहरा?
सबसे पहला मामला राईका बाग पैलेस जंक्शन स्टेशन से जुड़ा है, जहां मेसर्स श्री आरोही एंटरप्राइजेज को पार्किंग का टेंडर दिया गया था। जांच में सामने आया कि ऑफिस अधीक्षक मनीला चौहान ने 18.47 लाख रुपए के 19 डीडी को भुना कर गबन किया। यह घोटाला सितंबर 2022 से मार्च 2025 के बीच सामने आया।

नाम, रकम और बकाया: कौन कितना घोटाले में शामिल?
लोकेश चंद्र मीणा – ₹7.07 लाख गबन, ₹8.59 लाख बकाया

संगम आर्ट (1st टेंडर) – ₹1.40 लाख गबन, ₹5.08 लाख बकाया

संगम आर्ट (2nd टेंडर) – ₹6.83 लाख गबन, ₹10.28 लाख बकाया

कृष्णा एंटरप्राइजेज – ₹11.66 लाख गबन, ₹16.68 लाख बकाया

बबलू राम मीणा – ₹7.32 लाख गबन, ₹8.66 लाख बकाया

अशफाक खान – ₹11,000 का नुकसान, ₹33,570 बकाया

प्रमोद मीणा (1st) – ₹4.94 लाख गबन, ₹14.57 लाख बकाया

प्रमोद मीणा (2nd) – ₹7,000 गबन, ₹19,656 बकाया

क्या कहता है कानून और अब आगे क्या?
CBI जांच शुरू हो चुकी है, और जो भी रेलवे कर्मचारी इस घोटाले में शामिल पाए जाएंगे, उनके खिलाफ भी कार्रवाई तय मानी जा रही है। इस केस से यह सवाल भी उठ रहा है कि क्या सार्वजनिक संस्थानों में भ्रष्टाचार अब भी इतने आराम से हो रहा है? और अगर हां, तो निगरानी तंत्र की भूमिका पर भी उंगलियां उठ रही हैं।