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जयपुर पुलिस में देर रात तूफानी तबादले! 28 सीआई बदले, 2 थानाधिकारी लाइन हाजिर

जयपुर में बड़ा पुलिस फेरबदल: 28 पुलिस निरीक्षकों के तबादले, दो थानाधिकारियों को लाइन हाजिर किया गया। जानें किस अधिकारी को कहां भेजा गया।

जयपुर पुलिस में देर रात तूफानी तबादले! 28 सीआई बदले, 2 थानाधिकारी लाइन हाजिर

राजधानी जयपुर में पुलिस महकमे में मंगलवार देर रात बड़ा प्रशासनिक बदलाव हुआ। पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने 28 पुलिस निरीक्षकों (CI) के तबादला आदेश जारी किए हैं। इसके अलावा दो थानाधिकारियों को लाइन हाजिर भी किया गया है। यह फेरबदल जयपुर उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम — चारों ज़ोन में लागू हुआ है।

किसको कहां भेजा गया?
तबादले की सूची में शामिल प्रमुख नामों में गुरु भूपेन्द्र सिंह उर्फ मखन लाल और राजेश शर्मा उर्फ बालकृष्ण शर्मा का नाम सबसे ऊपर है।

गुरु भूपेन्द्र सिंह, जो फिलहाल थानाधिकारी माणक चौक, जयपुर उत्तर थे, को थानाधिकारी मुहाना, जयपुर दक्षिण बनाया गया है।

राजेश शर्मा, अब तक थानाधिकारी कोतवाली, जयपुर उत्तर, को सोडाला थाना, जयपुर दक्षिण भेजा गया है।

वहीं, अन्य प्रमुख तबादलों में शामिल हैं:

सुरेन्द्र सैनी उर्फ नाथूराम — अब बजाज नगर, जयपुर पूर्व में थानाधिकारी होंगे, पहले वे सदर थाना, जयपुर पश्चिम में थे।

धर्म सिंह उर्फ रामस्वरूप — अब माणक चौक, जयपुर उत्तर के थानाधिकारी होंगे, वे पहले आदर्श नगर, जयपुर पूर्व में पदस्थ थे।

दो अफसरों को लाइन हाजिर किया गया
कमिश्नर के आदेश के मुताबिक, दो थानाध्यक्षों को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर किया गया है।

धर्मेन्द्र शर्मा उर्फ गिरवर राम — थानाधिकारी, एस.एम.एस. थाना, जयपुर पूर्व, को रिज़र्व पुलिस लाइन, जयपुर भेजा गया है।

रमेश्वरी उर्फ दुलाराम — थानाधिकारी, नाहरगढ़, जयपुर उत्तर, को भी रिज़र्व पुलिस लाइन में स्थानांतरित कर दिया गया है।

इन दोनों अधिकारियों को अचानक लाइन हाजिर किए जाने के पीछे क्या कारण हैं, इस पर फिलहाल कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि कार्यप्रणाली और शिकायतों के आधार पर यह निर्णय लिया गया है।

क्यों किया गया बदलाव?
सूत्रों के मुताबिक, यह प्रशासनिक सर्जरी सुरक्षा व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रखने, और कार्यक्षमता के आधार पर मौजूदा पुलिस ढांचे में संतुलन स्थापित करने के उद्देश्य से की गई है। जयपुर में हाल ही में हुई कुछ आपराधिक घटनाओं के मद्देनजर पुलिस की सक्रियता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए यह कदम उठाया गया है।