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सरहद पर खड़े जवानों के लिए प्रेमानंद महाराज ने कही ये खास बात, बोले 'पूरा भारत आपका परिवार है'

प्रेमानंद महाराज ने भारतीय सेना को प्रणाम करते हुए कहा कि 'मेरे सेना के भाई जो इतना कष्ट सह रहे हैं, ये व्यर्थ नहीं जाएगा। जितना एक योगी को नाम जप करने पर भगवत की प्राप्ति होती है, उतनी ही आपको भी प्राप्त होगी।

सरहद पर खड़े जवानों के लिए प्रेमानंद महाराज ने कही ये खास बात, बोले 'पूरा भारत आपका परिवार है'

भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर रुक चुका है। अमेरिकी प्रधानमंत्री डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि दोनों देशों ने समझदारी दिखाकर शांति का रास्ता चुना है। इस सब के बीच वृंदावन के प्रेमानंद महाराज का भी एक वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें वो सैनिकों की खूब तारीफ कर रहे हैं। उन्होंने ये तक कहा है कि सरहद पर खड़े जवान और जप करने वाले योगी को समान भगवत प्राप्त होते हैं।

प्रेमानंद महाराज का वीडियो हुआ वायरल

भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद ने पूरे विश्व में सुर्खियां बटोरी हैं। इस दौरान वृंदावन के प्रेमानंद महाराज का एक बयान सामने आया है। जिसमें उन्होंने भारतीय सेना के जवानों की देशभक्ति को देखते हुए उनको प्रणाम किया। दरअसल, श्रीराधा केली कुंज ने सोशल मीडिया एक्स पर प्रेमानंद महाराज का एक वीडियो शेयर किया, जिसमें प्रेमानंद महाराज ने भारतीय जवानों को लेकर काफी कुछ ऐसा कहा, जिससे सुनकर सभी खुश हो जाएंगे।

प्रेमानंद महाराज ने भारतीय सेना को प्रणाम करते हुए कहा कि 'मेरे सेना के भाई जो इतना कष्ट सह रहे हैं, ये व्यर्थ नहीं जाएगा। जितना एक योगी को नाम जप करने पर भगवत की प्राप्ति होती है, उतनी ही आपको भी प्राप्त होगी। जीवन में मृत्यु तो सभी को आनी है। ऐसे में अगर आप अपने परिवार से अलग रह रहे हैं तो पूरा भारत आपका परिवार है। जब कहीं किसी जवान की मौत की खबर मिलती है तो अपने भाई या पिता के खोने जितना दुख होता है।' 

प्रेमानंद महाराज बोले त्याग- बलिदान प्रशंसनीय 

सेना के जवानों पर देश को गर्व है। वहीं, अपनी बात को जारी रखते हुए उन्होंने आगे कहा कि 'अगर हम राष्ट्र सुरक्षा की तरफ ध्यान देंगे तो परिवार और प्यार अपने आप सुरक्षित रहेगा। हम सेना का सम्मान करते हैं। आपने देशभक्ति के लिए ये मार्ग चुना है। भारतीय सेना की वजह से ही हम सभी चैन से सो पा रहे हैं। सेना बर्फ में खड़ी होकर पहरा देती है, तभी हम सुरक्षित हैं। उनका त्याग और बलिदान प्रशंसनीय और भगवत प्राप्ति के लिए है। आपका त्याग व्यर्थ नहीं है।'