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माउंट आबू का नाम बदलने और शराब को बैन करने के लिए विरोध, लोगों को फाइनेशिल दिक्कत का अंदेशा

माउंट आबू को दुनियाभर में इसी नाम से जाना जाता है और नाम बदलने से भ्रम की स्थिति पैदा होगी। उनका कहना है कि साथ ही मांसाहारी भोजन व शराब पर प्रतिबंध लगाने से पर्यटकों की संख्या में भारी कमी आएगा। मीडिआ रिपोर्ट्स का कहना है कि माउंट आबू में पर्यटन संबंधी गतिविधियों से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से करीब 15000 लोग जुड़े हुए हैं

माउंट आबू का नाम बदलने और शराब को बैन करने के लिए विरोध, लोगों को फाइनेशिल दिक्कत का अंदेशा

राजस्थान का माउंट आबू टूरिस्टों के बीच काफी फेमस है। काफी समय से इसका नाम आबूराज तीर्थ करने की मांग हो रही है। अब नॉनवेज और शराब पर बैन लगाने का प्रस्ताव दिया गया है। जिसका वहां से स्थानीय निवासियों ने विरोध किया है। उनका कहना है कि इससे अर्थव्यवस्था पर फर्क पडे़गा। क्या है पूरी बात, जानिए विस्तार में...

 माउंट आबू के लोग किस प्रस्ताव का कर रहे विरोध

राजस्थान में स्थित विश्व प्रसिद्ध हिल स्टेशन माउंट आबू का नाम बदलकर 'आबूराज तीर्थ' करने की मांग काफी समय से की जा रही है। अब इस स्थान में नॉनवेज भोजन और शराब पर बैन लगाने का भी प्रस्ताव दिया गया है। लेकिन इस प्रस्ताव को लेकर विरोध भी शुरू हो गया है। इस प्रस्ताव का स्थानीय लोगों ने ही विरोध किया है। उनका कहना है कि इससे शहर की अर्थव्यवस्था पर गंभीर असर पड़ेगा। बता दें, इस प्रस्ताव पर तथ्यात्मक टिप्पणी मांगी गई है। दरअसल, स्वायत शासन विभाग की ओर से 25 अप्रैल को नगर परिषद आयुक्त को लिखे पत्र में माउंट आबू का नाम बदलकर 'आबूराज तीर्थ' करने तथा खुले में मांस-मदिरा पीने पर प्रतिबंध लगाने के संबंध में आयुक्त से 'तथ्यात्मक टिप्पणी' मांगी गई है।

क्यों बदलना चाहते हैं माउंट आबू का नाम

माउंट आबू के धार्मिक महत्व को देखते हुए पिछले साल अक्टूबर 2024 में नगर परिषद की बोर्ड बैठक में इसका नाम बदलकर 'आबूराज तीर्थ' करने का प्रस्ताव पारित किया गया था। यह प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा गया और अभी वहां लंबित है। इसके बाद राज्य में सत्ताधारी पार्टी के कई विधायकों ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिखकर माउंट आबू के धार्मिक महत्व को देखते हुए इसका नाम बदलने तथा खुले में मदिरापान व मांसाहार पर प्रतिबंध लगाने की मांग की। 

यहां रहने वाले लोगों का कहना है कि माउंट आबू को दुनियाभर में इसी नाम से जाना जाता है और नाम बदलने से भ्रम की स्थिति पैदा होगी। उनका कहना है कि साथ ही मांसाहारी भोजन व शराब पर प्रतिबंध लगाने से पर्यटकों की संख्या में भारी कमी आएगा। मीडिआ रिपोर्ट्स का कहना है कि माउंट आबू में पर्यटन संबंधी गतिविधियों से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से करीब 15000 लोग जुड़े हुए हैं और यदि पर्यटकों की संख्या में कमी आती है तो इससे उनकी आजीविका पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। 

एनडीटीवी राजस्थान की रिपोर्ट के मुताबिक, स्ट्रीट वेंडर्स कमेटी के सचिव दिनेश माली ने कहा कि 'पर्यटकों की संख्या में कमी से बेरोजगारी होगी और पलायन बढ़ेगा तथा व्यापारिक इकाइयां बंद हो जाएंगी। नाम बदलने और ऐसे कदम उठाने की कोई जरूरत नहीं है जो स्थानी अर्थव्यवस्था और इसके लोगों को बहुत नुकसानदेह हो सकते हैं।'