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"IAS माफी मांगें तो मिल सकती है राहत": हाईकोर्ट का सख्त रुख, भवानी सिंह देथा समेत तीन अफसर तलब

High Court Summons IAS Officers: राजस्थान हाईकोर्ट ने कॉलेज लेक्चरर के केस में अदालती आदेश की अवहेलना को गंभीर मानते हुए IAS भवानी सिंह देथा समेत तीन वरिष्ठ अफसरों को कोर्ट में तलब किया, माफी मांगने पर मिल सकती है राहत।

"IAS माफी मांगें तो मिल सकती है राहत": हाईकोर्ट का सख्त रुख, भवानी सिंह देथा समेत तीन अफसर तलब

राजस्थान हाईकोर्ट में मंगलवार को न्याय और जवाबदेही का एक अहम उदाहरण सामने आया। एक कॉलेज लेक्चरर को करियर एडवांसमेंट स्कीम का लाभ न देने को लेकर कोर्ट के आदेश की वर्षों तक अनदेखी की गई थी। लेकिन जब अदालत ने सख्ती दिखाई, तो 18 घंटे के भीतर वह काम भी हो गया जो तीन साल से लटका हुआ था। सवाल अब सिर्फ फाइलों के आगे बढ़ने का नहीं, बल्कि अफसरशाही की उस मानसिकता का है जो आदेशों को तब तक नहीं मानती जब तक न्याय की डांट न पड़ जाए।

जस्टिस उमाशंकर व्यास की बेंच ने इस अवमानना मामले को गंभीरता से लेते हुए आईएएस भवानी सिंह देथा, तत्कालीन कॉलेज शिक्षा आयुक्त शुचि त्यागी और संयुक्त कॉलेज शिक्षा निदेशक आरसी मीणा को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में हाज़िर होने के आदेश दिए हैं। अदालत ने यह भी कहा कि अगर तीनों अफसर पेश होकर ईमानदारी से माफी मांगें और भविष्य में आदेशों की त्वरित पालना का भरोसा दिलाएं, तो उनके साथ नरमी बरती जा सकती है।

इस पूरे मामले की शुरुआत मई 2022 में हुई थी, जब हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता के पक्ष में फैसला सुनाया था। याचिकाकर्ता कॉलेज लेक्चरर था, जिसकी पूर्व सेवा को स्कीम में नहीं जोड़ा गया था। सुप्रीम कोर्ट तक से सरकार को राहत नहीं मिली, फिर भी आदेश की पालना टलती रही। पिछले सप्ताह कोर्ट के सख्त रुख के बाद ही सरकार हरकत में आई और आदेश की पालना कर रिपोर्ट पेश कर दी।

हैरानी की बात यह है कि याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट में बताया कि केवल भवानी सिंह देथा के खिलाफ ही 46 अवमानना याचिकाएं लंबित हैं। यह किसी एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम की लापरवाही का संकेत है।

अब कोर्ट ने पूछा है—क्यों न इन अफसरों पर अर्थदंड लगाया जाए? यह सवाल सिर्फ इन अधिकारियों से नहीं, बल्कि उन तमाम सिस्टम से भी है जो आम नागरिक की न्याय की उम्मीद को सालों तक दरकिनार करते हैं।