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जयपुर में अब किराए पर चाहिए वाहन, तो जरुर जान लीजिए ये 12 नियम, हो गई गलती को होगा पुलिस एक्शन!

संबंधित फर्म द्वारा एक रजिस्टर का संधारण किया जायेगा जिसमें इस प्रकार उपलब्ध कराये गए वाहन का विवरण, वाहन ले जाने वाले का नाम, पता व सम्पर्क नंबर, वाहन में यात्रा करने वाले अन्य व्यक्तियों का विवरण, यात्रा को अवधि, यात्रा का उद्देश्य एवं यात्रा कहां से कहां तक की जायेगी, इसका भी पूर्ण विवरण रखा जाएगा।

जयपुर में अब किराए पर चाहिए वाहन, तो जरुर जान लीजिए ये 12 नियम, हो गई गलती को होगा पुलिस एक्शन!

राजस्थान की राजधानी जयपुर में कॉमर्शियल टैक्स रजिस्ट्रेशन के वाहन रेंट पर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। लेकिन रेंट पर देने के लिए सबसे बड़ी चुनौती होती है कि कुछ लोग अवैध गतिविधियों में शामिल होते हैं। जिसको लेकर अब कुछ नियम बनाए गए हैं। अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर डॉ रामेश्वर सिंह ने आदेश जारी करते हुए निजी वाहन किराये पर देने को लेकर जयपुर में पूरी तरह प्रतिबंधित किया गया है। जबकि रेंट अ कैब स्कीम, 1989 के तहत ही वाहन किराये पर देने की अनुमति होगी, साथ ही कहा गया है कि कानून एवं व्यवस्था, जयपुर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 163 के अन्तर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए सम्पूर्ण पुलिस आयुक्तालय, जयपुर क्षेत्र के लिए आदेश प्रसारित किया गया है। इसी के साथ ही तय किया गया है कि बनाए गए नियमों का उल्लंघन करने पर व्यक्ति को दंड भी मिलेगा। देश 17 अप्रैल 2025 से 16 जून 2025 तक या इससे पूर्व निरस्त किये जाने पर उस तारीख तक प्रभावशील रहेगा।

किन नियमों को किया गया लागू

1. टैक्सो वाहनों को किराये पर देने हेतु पृथक से रेंट अ कैब स्कीम, 1989 में किया गया है। इसमें बताया गया है कि लाइसेंस लेने का प्रावधान कोई भी व्यक्ति/फर्म बिना लाइसेंस के इस योजना के अंतर्गत वाहन किराये पर देने का व्यवसाय नहीं करेगा।

2. इसके तहत लाइसेंस की वैधता 5 साल की है जिसकी वैधता दिनांक समाप्त होने से पूर्व लाइसेंस समय पर नवीनीकृत होना चाहिए।

3. इसके लिए तय केन्द्रों द्वारा केवल उन्ही वाहनों को किराये पर उपलब्ध कराया जायेगा, जिन्हें मोटर वाहन अधिनियम की धारा 88 की उपधारा (9) के अंतर्गत परमिट जारी किए गए है।

4. निजी वाहनों को किराये पर देना पुलिस आयुक्तालय क्षेत्र में निषेध है।

5. किराये पर वाहन उपलब्ध कराने वाले व्यक्ति/फर्म के पास कम से कम एक टेलीफोन होना आवश्यक है, जो दिन-रात संचालित होना आवश्यक है।

6. फर्म द्वारा इस प्रकार उपलब्ध कराये जाने वाले सभी वाहनों के आवश्यक दस्तावेज पूर्ण होने चाहिए। अधूरे दस्तावेज वाले व अनफिट वाहनों को उक्त प्रकिया में काम नहीं लिया जा सकेगा।

7. इस प्रकार के केन्द्रों को पुलिस द्वारा चैक किये जाने पर संबंधित संचालकों द्वारा सभी दस्तावेजों वाहनों की जांच में सहयोग किया जायेगा।

8. केन्द्र सरकार व राज्य सरकार द्वारा जारी विभिन्न अधिनियमों/नियमों व दिशा निर्देशों की पूर्ण पालना सम्बन्धित संचालकों के द्वारा सुनिश्चित की जायेगी।

9. किराये पर वाहन लेने वाले व्यक्तियों से ऐसे केन्द्रों द्वारा उनका सम्पर्क नंबर, पूर्ण पता तथा पहचान के वैध दस्तावेज की प्रति ली जायेगी एवं उसे मूल प्रति से सत्यापित करने के उपरान्त ही वाहन उपलब्ध कराया जायेगा।

10. इस प्रकार उपलब्ध कराये गए वाहन में यात्रा करने वाले अन्य व्यक्तियों का भी पूर्ण विवरण लिया जाकर पहचान दस्तावेज लिये जायेंगे।

11. उक्त संबंध में संबंधित फर्म द्वारा एक रजिस्टर का संधारण किया जायेगा जिसमें इस प्रकार उपलब्ध कराये गए वाहन का विवरण, वाहन ले जाने वाले का नाम, पता व सम्पर्क नंबर, वाहन में यात्रा करने वाले अन्य व्यक्तियों का विवरण, यात्रा को अवधि, यात्रा का उद्देश्य एवं यात्रा कहां से कहां तक की जायेगी, इसका भी पूर्ण विवरण रखा जाएगा।

12. इन केन्द्रों के संचालकों द्वारा वाहन किराये पर देने के दौरान किसी व्यक्ति पर अवांछित/अविधिक गतिविधि में शामिल होने का संदेह होने पर इसकी सूचना तत्काल निकटतम पुलिस थाने को अथवा पुलिस नियंत्रण कक्ष को दी जायेगी।