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SI भर्ती कैंसिल होगी या बचेगी? 859 युवाओं की किस्मत का फैसला आज! कोर्ट से पहले सरकार का बड़ा दिन

Rajasthan SI Bharti: राजस्थान SI भर्ती 2021 रद्द होगी या नहीं, इस पर आज 11 बजे सब-कमेटी की बैठक में तय होगा राज्य सरकार का अंतिम फैसला। कोर्ट में 26 मई को सुनवाई से पहले सरकार रुख साफ करेगी।

SI भर्ती कैंसिल होगी या बचेगी? 859 युवाओं की किस्मत का फैसला आज! कोर्ट से पहले सरकार का बड़ा दिन

राजस्थान की धरती एक बार फिर उन युवाओं की आहट सुन रही है, जिनकी आंखों में खाकी पहनने का सपना पल रहा था, लेकिन अब उनका भविष्य एक फैसले की ओर टकटकी लगाए देख रहा है। बात हो रही है राजस्थान पुलिस SI भर्ती 2021 की, जिसे रद्द किया जाए या नहीं इस पर राज्य सरकार आज फैसला लेने जा रही है। सुबह 11 बजे सचिवालय में सब-कमेटी की बैठक होने जा रही है, और यही बैठक तय करेगी कि 859 चयनित अभ्यर्थियों की मेहनत को मान्यता मिलेगी या नहीं।

मंत्री जोगाराम पटेल, गजेन्द्र सिंह खींवसर और जवाहर सिंह बेढ़म जैसे चेहरों की मौजूदगी वाली इस मीटिंग की अहमियत इसलिए भी बढ़ जाती है क्योंकि हाईकोर्ट ने 26 मई तक जवाब मांगा है। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने साफ कहा था “अगर समय पर निर्णय नहीं हुआ, तो सरकार जिम्मेदार होगी।” आज का दिन उन हज़ारों युवाओं के लिए निर्णायक बन गया है जो इस भर्ती प्रक्रिया का हिस्सा रहे हैं।

धरना-प्रदर्शन और समर्थन की दो छोरों पर एक अजीब खींचतान चल रही है। सांसद हनुमान बेनीवाल शहीद स्मारक पर धरने पर बैठे हैं और भर्ती को रद्द कराने की मांग कर रहे हैं। वहीं सरकार में मंत्री किरोड़ी लाल मीणा भी इसी पक्ष में खड़े हैं। सवाल उठ रहा है जब खुद सरकार के भीतर से ऐसी आवाजें उठ रही हों, तो अंतिम निर्णय किस दिशा में जाएगा?

दूसरी ओर, चयनित अभ्यर्थियों और कर्मचारी संगठनों की गुहार है कि मेहनत और ईमानदारी से पास हुए अभ्यर्थियों के भविष्य से न खेला जाए। उनका कहना है कि दोषियों को सजा दीजिए, लेकिन उन युवाओं को नहीं काटिए जिन्होंने खून-पसीना एक कर परीक्षा पास की।
ये भी तर्क सामने रखे जा रहे हैं कि 7.97 लाख अभ्यर्थियों में से महज 3.83 लाख ही परीक्षा में शामिल हुए। उनमें से 20,359 फिजिकल टेस्ट तक पहुंचे और अंततः केवल 859 का चयन हुआ। इनमें से कई ने अपनी पूर्व नौकरी तक छोड़ दी।

13 मई को जो बैठक होनी थी, वह ऑपरेशन सिंदूर और एक मंत्री के बीमार होने की वजह से टल गई थी। आज की बैठक न सिर्फ कोर्ट को जवाब देने का आधार बनेगी, बल्कि पूरे प्रदेश की पेपर लीक नीति का रुख भी तय करेगी।

क्या सरकार युवाओं की उम्मीदों को बनाए रखेगी या एक बार फिर राजनीति और भ्रष्टाचार की छाया उनके सपनों पर भारी पड़ेगी? जवाब कुछ ही घंटों में मिल जाएगा।