अजमेर दरगाह कमेटी के सहायक पर लगे गंभीर आरोप, पूरा मुस्लिम समाज हुआ खिलाफ अब 7 दिन में एक्शन की मांग
एक कर्मचारी की आत्महत्या के मामले में भी उन पर मानसिक उत्पीड़न का आरोप है। जिसके बाद सिविल लाइंस थाना में उनके खिलाफ धारा 354 और 306 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। मोहम्मद आदिल पर वित्तीय घोटालों के आरोप भी लगे हैं, जिनमें गरीब नवाज़ विश्वविद्यालय, कलाम लाइब्रेरी और शौचालय निर्माण से संबंधित भ्रष्टाचार शामिल है।

अजमेर दरगाह मौजूदा समय में प्रशासनिक संकट के दौर से गुजर रही है। दरगाह ख्वाजा गरीब नवाज की पवित्र दरगाह के असिस्टेंट नाजिम मोहम्मद आदिल पर लोगों ने कई गंभीर आरोप लगाए हैं। जिसकी जांच चल रही है और अब मोहम्मद आदिल पर वित्तीय घोटालों के आरोप भी लगे हैं।
अजमेर शरीफ की पवित्र दरगाह के असिस्टेंट पर गंभीर आरोप
दरगाह ख्वाजा गरीब नवाज की पवित्र सरजमी इन दिनों गंभीर प्रशासनिक और नैतिक संकट से गुजर रही है। दरगाह कमेटी अजमेर के असिस्टेंट नाजिम मोहम्मद आदिल पर लगे गंभीर आरोपों को लेकर मुस्लिम समुदाय और ख़ुद्दाम-ए-ख्वाजा के लोगों में भारी रोष है। समुदाय के लोगों ने नाजिम मोहम्मद को तुरंत उनके पद से बर्खास्तगी की मांग की है। साथ ही आपराधिक मुकदमे दर्ज करने और स्वतंत्र न्यायिक जांच की भी मांग की गई है। दरअसल, ख्वाजा मॉडल स्कूल की शिक्षिकाओं ने मोहम्मद आदिल पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं।
लगे मानसिक उत्पीडडन के आरोप
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक कर्मचारी की आत्महत्या के मामले में भी उन पर मानसिक उत्पीड़न का आरोप है। जिसके बाद सिविल लाइंस थाना में उनके खिलाफ धारा 354 और 306 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। मोहम्मद आदिल पर वित्तीय घोटालों के आरोप भी लगे हैं, जिनमें गरीब नवाज़ विश्वविद्यालय, कलाम लाइब्रेरी और शौचालय निर्माण से संबंधित भ्रष्टाचार शामिल है। बारिश के दौरान दरगाह में बुनियादी सुविधाएं भी चरमरा गईं, लेकिन प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाया है।
7 दिन के अंदर एक्शन की मांग
जानकारी के मुताबिक, ये मामला 1 मई को अजमेर के दिग्गी बाज़ार में हुए अग्निकांड में 5 जायरीनों की मौत हुई, लेकिन प्रशासन ने कोई सहायता नहीं की। अजमेर की दरगाह कमेटी भारत सरकार के अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के अंतर्गत आती है और “दरगाह ख्वाजा साहब अधिनियम, 1955” के तहत संचालित होती है। लोगों ने दरगाह कमेटी अजमेर के असिस्टेंट नाजिम मोहम्मद आदिल के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए चेतावनी दी है। समुदाय के लोगों ने कहा कि अगर 7 दिनों में कार्रवाई नहीं हुई तो शांतिपूर्ण विरोध और जनआंदोलन शुरू किया जाएगा। लोग इस मामले पर पैनी नजर बनाए हुए हैं।