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मुझे कमजोर मत कर देना’...हनुमान बेनीवाल की हुंकार, SI भर्ती को लेकर उठी राजस्थान की सबसे बड़ी बगावत!

SI Exam Cancellation: SI भर्ती रद्द करवाने और RPSC के खिलाफ आवाज उठाने के लिए जयपुर में आज युवा आक्रोश महारैली, हनुमान बेनीवाल बोले: "मुझे कमजोर मत कर देना"।

मुझे कमजोर मत कर देना’...हनुमान बेनीवाल की हुंकार, SI भर्ती को लेकर उठी राजस्थान की सबसे बड़ी बगावत!
हनुमान बेनीवाल की हुंकार

Jaipur News: राजस्थान में एक बार फिर युवा सड़कों पर हैं इस बार अपनी चुप्पी को चीख में बदलने के लिए। आज, 25 मई को जयपुर के मानसरोवर में आयोजित हो रही है "युवा आक्रोश महारैली", जिसके केंद्र में है SI भर्ती 2021 को रद्द करने और RPSC के पुनर्गठन की मांग।

रैली से एक दिन पहले, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के संयोजक और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने युवाओं को एक मार्मिक अपील जारी की

“मुझे कमजोर मत कर देना... ये इम्तिहान मेरा नहीं, आपका है।”

उनका ये संदेश सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है। उन्होंने कहा कि अब ये लड़ाई सिर्फ एक भर्ती की नहीं रही, बल्कि ये हर उस युवा की आवाज है, जिसकी मेहनत को बार-बार धकेला गया है।

"भीड़ नहीं चाहिए, आग चाहिए..."
हनुमान बेनीवाल ने मंच से नहीं, सीधे दिल से बात की। उनका कहना है कि यह सिर्फ राजनीतिक नहीं, न्यायिक और नैतिक लड़ाई है।

“अब वक्त है उन ज़ुल्मों के खिलाफ़ खड़े होने का, जिन्होंने राजस्थान के लाखों युवाओं के सपनों को रौंदा। भीड़ से फर्क नहीं पड़ेगा, हर कदम में आग होनी चाहिए, ताकि एक नई व्यवस्था की नींव रखी जा सके।”

‘अंतिम लड़ाई’ का ऐलान... सोशल मीडिया से निकलकर सड़कों पर आने का वक्त
एक दिन पहले, यानी 24 मई को उन्होंने युवाओं से एक आखिरी भावनात्मक अपील की। उन्होंने कहा,

“अगर अब नहीं जागे, तो मत कहना कि कोई लड़ा नहीं। ये अंतिम लड़ाई है। सोशल मीडिया और टीवी तक मत रह जाना मेरा हौसला मत तोड़ देना।”

उन्होंने पूरे राजस्थान के जिलों में जिलेवार प्रभारी नियुक्त किए हैं, ताकि हर विधानसभा, हर गांव तक ये आवाज पहुंचे।

क्या है मांग?
SI भर्ती 2021 को रद्द करने की मांग

RPSC की विश्वसनीयता पर सवाल

RPSC के पुनर्गठन की मांग

युवाओं के भविष्य से बार-बार खिलवाड़ के खिलाफ़ सामूहिक विरोध

राजस्थान की राजनीति में नया उबाल
राजस्थान में छात्र आंदोलन और भर्ती से जुड़े विवाद कोई नई बात नहीं, लेकिन हनुमान बेनीवाल के नेतृत्व में इस बार का स्वरूप कहीं अधिक व्यापक और उग्र दिखाई दे रहा है। राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि इस रैली का असर प्रदेश की राजनीति पर दूरगामी होगा।