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जयपुर में गूंजा राष्ट्रभक्ति का जज़्बा: "हम शांति के लिए लड़ेंगे", बोले कैबिनेट मंत्री राठौड़ तिरंगा रैली में

Operation Sindoor Celebration Tiranga Rally: जयपुर में BJP की तिरंगा रैली में कैबिनेट मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ का बयान, “भारत शांति चाहता है, लेकिन जरूरत पड़ी तो दुश्मनों से लड़ेगा भी.” रैली में देशभक्ति का जज़्बा और भारत के आर्थिक उत्थान का उत्सव देखने को मिला.

जयपुर में गूंजा राष्ट्रभक्ति का जज़्बा: "हम शांति के लिए लड़ेंगे", बोले कैबिनेट मंत्री राठौड़ तिरंगा रैली में
कैबिनेट मंत्री राठौड़ तिरंगा रैली में

 राजस्थान की राजधानी रविवार को तिरंगे की रंगीन लहरों और देशभक्ति के बुलंद नारों से गूंज उठी. BJP द्वारा आयोजित ‘तिरंगा यात्रा’ में हजारों की भीड़ उमड़ी, जो गांडीव स्टेडियम से चित्रकूट स्टेडियम तक गर्व और गौरव के साथ तिरंगा लिए निकली.

"भारत शांति चाहता है, लेकिन डरता नहीं है"
इस भव्य यात्रा में कैबिनेट मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने देशवासियों को न सिर्फ गर्व का अहसास कराया, बल्कि यह भी स्पष्ट संदेश दिया कि भारत आज केवल एक शांतिप्रिय राष्ट्र नहीं, बल्कि एक शक्तिशाली राष्ट्र भी है. उनके शब्दों में जो दृढ़ता थी, वह रैली में मौजूद हर चेहरे पर साफ झलक रही थी.
उन्होंने गर्जना करते हुए कहा, "हमने पूरी दुनिया को बता दिया है कि भारत अब पहले जैसा नहीं रहा. अगर कोई आतंकवाद की तरफ एक कदम बढ़ाएगा, तो पाकिस्तान की सेना और अर्थव्यवस्था दोनों को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी."

'ऑपरेशन सिंदूर' की सफलता पर गर्व
यह रैली ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर आयोजित की गई थी, जिसने भारत की सुरक्षा एजेंसियों की क्षमता और सरकार की तत्परता को साबित किया है. राठौड़ ने कहा कि देश अब सिर्फ रक्षात्मक नहीं, बल्कि निर्णायक कार्रवाई करने में भी सक्षम है.

"हम चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं, अब तीसरे स्थान की बारी है"
प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि यह केवल तिरंगे का जुलूस नहीं, बल्कि भारत के नए युग की शुरुआत का उत्सव है. "हमने दुनिया को दिखा दिया है कि भारत सिर्फ जनसंख्या में नहीं, शक्ति, समृद्धि और सोच में भी सबसे आगे है."
उन्होंने आगे कहा, “हमारी अर्थव्यवस्था चौथे पायदान पर है और अब तीसरे स्थान पर पहुंचने का सपना भी दूर नहीं.”

जनता, सेना और बुजुर्गों की एकता का दृश्य
इस रैली की सबसे खास बात रही हर पीढ़ी का प्रतिनिधित्व. जहां युवा जोश से भरे थे, वहीं बुजुर्गों की आंखों में तिरंगे के लिए गर्व और अतीत की स्मृतियाँ झलक रही थीं. रैली में सेना के जवानों की उपस्थिति ने देशवासियों के मन में सुरक्षा और सम्मान की भावना और भी प्रगाढ़ कर दी.