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दही से सेहत सुधरेगी या बिगड़ेगी? रोज खाने वालों के लिए आयुर्वेद की चौंकाने वाली चेतावनी!

Dahi Khane ke Nuksan: दही का रोज सेवन सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। आयुर्वेद के अनुसार गलत समय और तरीके से दही खाने से पेट फूलना, बलगम और पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। जानिए दही कब, कैसे और किसके लिए है सुरक्षित।

दही से सेहत सुधरेगी या बिगड़ेगी? रोज खाने वालों के लिए आयुर्वेद की चौंकाने वाली चेतावनी!
दही खाने के नुकसान

गर्मियों में ठंडी-ठंडी दही को लोग राहत समझ कर रोज खा लेते हैं, लेकिन आयुर्वेद के अनुसार यह आदत आपकी सेहत को धीरे-धीरे नुकसान पहुंचा सकती है। दही की तासीर “उष्ण” यानी गर्म होती है, और अगर इसे गलत मौसम या समय पर खाया जाए तो यह लाभ नहीं बल्कि समस्या का कारण बन सकती है।

क्या कहती हैं आयुर्वेद विशेषज्ञ?
डॉ. मनीषा मिश्रा, एक जानीमानी आयुर्वेद एक्सपर्ट, बताती हैं कि दही को रोजाना नहीं खाना चाहिए। खासकर सुबह या रात के वक्त दही खाने से पेट फूलना, बलगम बनना और पाचन संबंधी गड़बड़ी हो सकती है। यह पाचन अग्नि को कमज़ोर करता है और शरीर में कफ को बढ़ाता है।

कब खाएं दही और कब बिल्कुल नहीं?
दोपहर में दही खाना सबसे फायदेमंद होता है।

सुबह-सुबह या रात को दही से बचें।

गर्मियों और पतझड़ में दही न खाएं, ये मौसम इसके लिए अनुकूल नहीं हैं।

सर्दियों और बारिश में दही का सेवन किया जा सकता है – वो भी सीमित मात्रा में।
किनके लिए दही ज़हर समान हो सकता है?
जिन्हें कफ प्रकृति की दिक्कत है – जैसे साइनस, मोटापा, त्वचा रोग, सर्दी-जुकाम – उन्हें दही कम या बिल्कुल नहीं खाना चाहिए। ऐसे लोगों को छाछ या मट्ठा जैसे विकल्प अपनाने चाहिए जो हल्के और सुपाच्य होते हैं।

दही के साथ क्या खाएं और क्या नहीं?
 खाएं: दही + मिश्री, शहद (कम मात्रा में), मूंग दाल, आंवला पाउडर

 न खाएं: दही + फल, दही + गर्म खाना, दही + घी या शहद साथ में – ये विरुद्ध आहार कहलाते हैं।