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"पानी चाहिए था, थप्पड़ नहीं": राजस्थान में मंत्री पर भड़की जनता, बर्ताव का वीडियो वायरल

Alwar water Crisis: राजस्थान के अलवर में पानी की समस्या बताने आए युवक से मंत्री ने छीना मोबाइल और धक्के देकर बाहर कर दिया। घटना का वीडियो वायरल, जनता में आक्रोश और विपक्ष ने उठाए सवाल।

"पानी चाहिए था, थप्पड़ नहीं": राजस्थान में मंत्री पर भड़की जनता, बर्ताव का वीडियो वायरल
पानी की मांग पर भड़के मंत्री

राजस्थान के अलवर जिले में पानी की किल्लत से जूझते आम लोगों को उम्मीद थी कि उनकी आवाज़ मंत्री तक पहुंचेगी, लेकिन मंजर कुछ और ही निकला। अखेपुरा मोहल्ले के रहने वाले लोकेश बैरवा जब जल संकट की बात रखने म‍िनी सचिवालय पहुंचे, तो वहां उनका सामना हुआ सत्ता के अहंकार से।

मंत्री की मौजूदगी में युवक ने उठाई आवाज़, हुआ अपमानित
जल संसाधन मंत्री कन्हैयालाल चौधरी सचिवालय में अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे। बैठक के बाद जैसे ही वे बाहर निकले, वहां कुछ महिलाएं और युवक पानी की समस्या बताने पहुंचे। लोकेश बैरवा ने जब मंत्री से संवाद करने के लिए बातचीत का वीडियो बनाना शुरू किया, तभी साथ मौजूद वन एवं पर्यावरण मंत्री संजय शर्मा ने बिना कुछ सुने मोबाइल छीन लिया और युवक को धक्के मारकर बाहर करवा दिया।

घटना का वीडियो वायरल, जनता में आक्रोश
इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो दूसरे लोगों ने रिकॉर्ड कर लिया, जो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। लोकेश ने कहा, "मैं सिर्फ पानी की मांग कर रहा था, किसी से लड़ाई नहीं। लेकिन मंत्री ने मेरी बात ही नहीं सुनी और मेरा फोन छीन लिया।" इस बर्ताव को लेकर लोगों में भारी नाराजगी है, और इसे जनता की आवाज़ दबाने की कोशिश बताया जा रहा है।

नेता प्रतिपक्ष का तीखा हमला
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने इस वीडियो को अपने X (पूर्व ट्विटर) अकाउंट पर साझा करते हुए लिखा,

"यही कांग्रेस और भाजपा में फर्क है। कांग्रेस ने जनता की शिकायतों के लिए कानून बनाए थे, लेकिन भाजपा शासन में तो शिकायत करने आए व्यक्ति से मोबाइल ही छीन लिया जाता है, ताकि कोई सबूत न रहे और कोई जवाबदेही न बन पाए।"
उनका यह बयान अब राजनीतिक बहस का केंद्र बन गया है।

मंत्री ने दिए टैंकर से पानी पहुंचाने के निर्देश
मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए जल संसाधन मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जहां पानी की किल्लत है वहां टैंकर भेजे जाएं। जहां बोरिंग की ज़रूरत है, वहां तुरंत प्रस्ताव तैयार किए जाएं। उन्होंने दावा किया कि सरकार पानी संकट को लेकर गंभीर है।

बोरिंग और डैम निर्माण पर चल रहा काम
मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि अलवर में 15 बोरिंग के टेंडर हो चुके हैं, और जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों तक पानी पहुंचाने के प्रयास जारी हैं। अभी जिले को 94 MLD पानी की ज़रूरत है, जबकि सिर्फ 21 MLD ही उपलब्ध है। आने वाले महीनों में 71 नई बोरिंग से 60 MLD पानी मिलने की उम्मीद है।

जनता का सवाल: क्या आवाज उठाना भी गुनाह है?
इस घटना ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है, क्या लोकतंत्र में जनता की आवाज उठाना भी अब अपराध बन गया है? जब मंत्री आम लोगों की तकलीफ सुनने को तैयार नहीं, तो राहत की उम्मीद कैसे करें?