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‘भारत का ठेकेदार अमेरिका नहीं’, अशोक गहलोत ने डोनाल्ड ट्रंप के बयान पर सरकार से मांगा जवाब

जयपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए अशोक गहलोत ने पीएम मोदी पर निशाना साधा और अमेरिका द्वारा भारत-पाकिस्तान सीजफायर की घोषणा पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि देश की नीति अमेरिका तय नहीं कर सकता और प्रधानमंत्री को पाकिस्तान पर सख्त रुख अपनाना चाहिए।

‘भारत का ठेकेदार अमेरिका नहीं’, अशोक गहलोत ने डोनाल्ड ट्रंप के बयान पर सरकार से मांगा जवाब

जयपुर। पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर पक्ष-विपक्ष से लेकर देश की जनता एकजुट है। भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तानी में बैठे आतंकी आकाओं की नींव हिला दी है। भारत ने जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के 100 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया है। इसी बीच डोनाल्ड ट्रंप ने ऐसा बयान जिसपर अब राजनीति शुरू हो गई है। दरअसल, भारत-पाकिस्तान से पहले दोनों देशों के बीच सीजफायर की घोषणा अमेरिका ने की थी। इतना ही नहीं, डोनाल्ड ट्रंप ने ये तक कह दिया था, दोनों देश कश्मीर के मुद्दे पर बात करना चाहते हैं तो हम उनके साथ है। जिस पर विपक्ष दल सवाल उठा रहे हैं। इसी कड़ी में पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने प्रेस-कॉन्फ्रेंस कर सरकार से सवाल पूछे हैं। इस दौरान वह पीएम मोदी पर भी निशाना साधते नजर आए। 

अशोक गहलोत ने पूछे सवाल

मीडिया से बातचीत करते हुए अशोक गहलोत ने कहा, कल प्रधानमंत्री ने देश को संबोधन तो दिया लेकिन ये नहीं बताया भारत पाकिस्तान और आतंकवाद को लेकर क्या पॉलिसी अपनाएगा। जोकि बहुत निराश करने वाला है। हर भारतवासी इसका इंतजार कर रहा है। इस दौरान उन्होंन सीजफायर का जिक्र किया और बोले, जिस तरह अमेरिका ने सीजफायर किया वो किसी भी देशवासी को समझ नहीं आया है। अमेरिका राष्ट्रपति भारत के सीजफायर की बात कर रहे हैं। आखिर ये कैसे हो सकता है। भारत के ठेकेदार अमेरिका नहीं है।

गहलोत ने किया इंदिरा गांधी का जिक्र

अशोक गहलोत ने आगे कहा, जिस तरह देश के दो टुकड़े हुए वो हर किसी ने देखा। पिछली सरकारों में भी अमेरिका ने कई बार भारत पर दवाब बनाने की कोशिश की है लेकिन इंदिरा गांधी बिल्कुल नहीं झुकी। यहां तक शिमला समझौता हुआ तो उसमें भी साफ लिखा है। दोनों देश अपने मुद्दे खुद सुलझाएंगे कोई तीसरा देश बीच में नहीं आएगा लेकिन अब तो सीधे अमेरिका बीच में आ रहा है। हालांकि ये नहीं पता वो अपनी तरफ से आ रहे हैं या फिर सरकार की तरफ। सरकार से सवाल है, आखिर में हम उनकी क्यों सुन रहे हैं। हमारे देश के आंतरिक मामलों में बोलने का हक अमेरिका को नहीं है। वहीं, पाकिस्तान के मुद्दे पर कहा, पाकिस्तान कभी सुधरने वाला नहीं है। इसका हाल ऐसा होना चाहिए जो शायद ही इसने कभी सोचा ना हो। ये कोई आतंकवादी हमले के लायक ना बचे।