रिश्वत मामले में विधायक गिरफ्तार, BAP ने कहा- ‘हक मांगने की सजा’, बेनीवाल ने बता दी सच्चाई !
राजस्थान के बागीदौरा से BAP विधायक जय कृष्ण पटेल को ACB ने 20 लाख की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया, जिस पर BAP ने राजनीतिक साजिश का आरोप लगाया है।

जयपुर। सूबे में रविवार को उस वक्त हलचल मच गई। जब एंटी करप्शन ब्यूरो ने भारतीय आदिवासी पार्टी के विधायक को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। इस घटना पर अब राजनीति भी शुरू हो गई है। जानकारी के अनुसार, बांसवाड़ा जिले के बागीदौरा से विधायक जय कृष्ण पटेल को ACB ने रंगे हाथों को 20 लाख की रिश्वत लेते हुए ट्रैप किया है। राजस्थान की राजनीति में ये पहला मामला है, जब किसी विधायक को घूस लेते गिरफ्तार किया गया हो। इस मामले पर राजकुमार रोत और उनकी पार्टी ने चुप्पी साध रखी थी लेकिन सोमवार को BAP ने स्टैंड क्लियर करते हुए इस कार्रवाई को राजनीतिक षड्यंत्र बताया है।
इतिहासकाल से देखा गया है जब भी किसी ने हक अधिकार के लिए आवाज उठाई है उसे साम दाम दण्ड भेद की निति से बदनाम किया गया और कूचल दिया है इसी षड्यंत्र का शिकार बागीदौरा विधायक हूए है।
— BAP (@BAPSpeak) May 5, 2025
विधायक के पक्ष में BAP
भारतीय आदिवासी पार्टी के ट्विटर हैंडल से लिखा गया- इतिहास काल से देखा गया है जब भी किसी ने हक अधिकार के लिए आवाज उठाई है उसे साम दाम दण्ड भेद की निति से बदनाम किया गया और कुचल दिया है इसी षड्यंत्र का शिकार बागीदौरा विधायक हुए है। बता दें, विधायक को आज एसीबी अदालत में पेश कर रिमांड पर ले सकती है। वहीं, इस मसले अब राजनीति भी खूब की जा रही है।
हनुमान बेनीवाल ने भी दिया बयान
बीएपी पार्टी के विधायक को अरेस्ट किये जाने पर बीते दिन नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने भी प्रतिक्रिया दी थी। मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा था, इसके पीछे कांग्रेस-बीजेपी का हाथ है। बीएपी और राजकुमार रोत जनता के लिए संघर्ष कर रहे हैं और यही लोगों को पसंद नहीं आ रहा है। मैं बस सोच रहा हूं इसके पीछे कोई राजनीतिक षड्यंत्र नहीं होना चाहिए। जब भी प्रदेश में BAP-RLP जैसी छोटी पार्टियां बढ़ती हैं तो उन्हें रोकने की कोशिश हमेशा बड़े दलों की ओर से की जाती है।
आखिर कौन है जय कृष्ण पटेल ?
बता दें, जय कृष्ण पटेल पहली बार विधायक बने हैं। उन्होंने विधायक बने हुए अभी एक साल का समय बामुश्किल से बीता होगा। इस सट पर कांग्रेस से नेता रहा महेंद्रजीत सिंह मालवीय का दबदबा माना जाता था। हालांकि उन्होंने लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी का दामना थाम लिया था। लोकसभा चुनावों के साथ प्रदेश की कई सीटों पर उपचुनाव भी हुए थे। जिसमें बागी दौरा विधानसभा सीट भी शामिल थी। इस दौरान कांग्रेस ने बीएपी को अपना समर्थन दे दिया और जय कृष्ण पटेल को जीत हासिल हुई।