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ACB की कार्रवाई या सियासी साजिश? BAP को मिला बेनीवाल का साथ, विधायक ने भी किया बड़ा खुलासा

राजस्थान में BAP विधायक जयकृष्ण पटेल को 20 लाख की रिश्वत लेते हुए ACB ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया। BAP ने इसे साजिश बताया और जांच के लिए 5 सदस्यीय कमेटी गठित की। जानिए पूरा राजनीतिक घटनाक्रम।

ACB की कार्रवाई या सियासी साजिश? BAP को मिला बेनीवाल का साथ, विधायक ने भी किया बड़ा खुलासा

जयपुर। राजकुमार रोत की पार्टी के विधायक जयकृष्ण पटेल को बीते दिनों एंटी करप्शन ब्यरो ने 20 लाख की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। प्रदेश में ये पहली बार है जब किसी जनप्रतिनिधि को इस तरह घूस लेते अरेस्ट किया गया है। अब इस मसले पर राजनीति भी शुरू हो गई है। BAP ने अपना स्टैंड क्लियर करते हुए इसे राजनीतिक साजिश करार दिया है। वहीं, अब पार्टी ने जांच के लिए कमेटी का गठन भी किया है। जो पूरे मामले की जांच करेगी। बता दें, इस घटनाक्रम पर हनुमान बेनीवाल ने भी रिएक्शन दिया है। 

BAP ने किया कमेटी का गठन 

एक्स पर ट्वीट करते हुए बीएपी ने लिखा- राजस्थान में बागीदौरा विधायक पर लगे आरोपों की निष्पक्ष जांच के लिए पार्टी ने 5 सदस्यीय जाँच समिति गठित की है। ताकि पार्टी की छवि को धूमिल करने की साजिश का पर्दाफाश हो सके। कमेटी का गठन पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहनलाल रोत द्वारा किया गया है। वही, कमेटी में जांच की जिम्मेदारी कांतिलाल रोत, डॉ जितेंद्र, रमेशचंद्र मईडा, उमेश कुमार और थावरचंद को सौंपी गई है। 

आखिर क्यों गिरफ्तार हुए BAP विधायक

BAP विधायक जयकृष्ण पटेल को रंगे हाथों पकड़ने के लिए ACB लंबे वक्त से तैयारी कर रही थी। अधिकारियों का कहना है, सही इनपुट के बाद ही एक्शन लिया गया है। विधायक को ट्रैप करने के लिए लगभग एक महीने से ज्यादा का वक्त लगा। हर बार विधायक की ओर से काम के बदले पैसे की डिमांड की जा रही थी। वहीं, विधायक का कहना है, उन्हें फंसाने की कोशिश का जा रही है।

हनुमान बेनीवाल ने जताया साजिश का शक

जिस तरह बीएपी ने इस घटना के पीछे साजिश का शक जताया, ठीक उसी तरह हनुमान बेनीवाल का भी बयान सामने आया है। उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा,  इसके पीछे कांग्रेस-बीजेपी का हाथ है। बीएपी और राजकुमार रोत जनता के लिए संघर्ष कर रहे हैं और इन लोगों को ये पसंद नहीं आ रहा है। मैं बस सोच रहा हूं इसके पीछे कोई राजनीतिक षड्यंत्र नहीं होना चाहिए। जब भी प्रदेश में BAP-RLP जैसी छोटी पार्टियां बढ़ती हैं तो उन्हें रोकने की कोशिश हमेशा बड़े दलों की ओर से की जाती है।