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बेरोजगार युवाओं ने ट्वीट ट्रेंड में राज्य सरकार को पछाडा !

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा एक्स के टॉप ट्रेंड में

'भजनलाल हटाओ राजस्थान बचाओ' का नारा ट्रॉप ट्रेंड 
बचाव में उतरी सीएम की सोशल मीडिया टीम
कांग्रेस बोली,यह हताश व निराश जनता की आवाज 

बेरोजगार युवाओं ने ट्वीट ट्रेंड में राज्य सरकार को पछाडा !

जयपुर। प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा शुक्रवार को अपने किसी बयान या सरकारी योजना की वजह से नहीं बल्कि सोशल मीडिया पर चलाए जा रहे एक विरोधी अभियान की वजह से एक्स के टॉप ट्रेंड में दिखाए दिए। यह नारा था 'भजनलाल हटाओ राजस्थान बचाओ'। देखने वाली बात यह थी कि रात 10 बजे तक 'भजनलाल हटाओ राजस्थान बचाओ' वाले इस हैशटैग के साथ 70 हजार से भी ज्यादा पोस्ट किए जा चुके थे और खबर लिखे जाने तक यह आंकड़ा करीब 4 लाख से ज्यादा पार हो चुका हैहै। जिससे अब यह मामला न सिर्फ राजस्थान बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर जबरदस्त चर्चा का विषय बन गया है। इस ट्रेंड के अलावा 'भजनलाल इस्तीफा दो" जैसे कई हैशटैग भी एक्स पर ट्रेड करते दिखाए दिए। एक्स के टॉप ट्रेंड से अचानक हुए इस घटनाक्रम से जहां सीएम भजनलाल शर्मा की सोशल मीडिया टीम सकते में आ गई, वहीं कांग्रेस ने राजनीतिक हमले तेज कर दिए। बताया जा रहा है कि यह बेरोजगार युवाओं ने अभियान चलाया है, जिसमें प्रदेश की भाजपा सरकार पिछड़ती हुई नजर आ रही है। 
कांग्रेस प्रवक्ता यशवर्धन सिंह ने कहा की एक्स पर यह हैशटैग केवल एक सोशल मीडिया ट्रेंड नहीं है बल्कि प्रदेश की आम जनता की आवाज है जो प्रदेश की भाजपा सरकार से दुखी है। उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था, बेरोजगारी, किसानों पर अत्याचार और मंत्रियों की मनमानी से जनता हताश व निराश है। उन्होंने कहा कि सरकार को अब जनता का गुस्सा समझना चाहिए, क्योंकि लोग अब सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी पीड़ा का उजागर कर रहे हैं। सीएम शर्मा के विरोधी ट्रेंड को बढ़ता देख भाजपा और सरकार की आईटी सेल तुरंत सक्रिय हुई और सरकार की योजनाओं की उपल​ब्धियों को बताते हुए काउंटर हैशटैग 'भजनलाल मतलब भरोसा' चलाया। आईटी सेल की ओर से पलटवार पोस्ट में भजनलाल सरकार की उपलब्धियों, जनकल्याण योजनाओं और 'गुड गवर्नेंस' की बात को चलाने का प्रयास किया। इधर भाजपा नेताओं और समर्थकों ने दावा किया कि यह ट्रेंड कांग्रेस द्वारा प्रायोजित है, जो लोगों को भटकाने और गुमराह करने की चाल भर है। सीएम भजनलाल शर्मा जनता के भरोसे पर खरे उतर रहे हैं और वे लगातार जनता से जुड़ी कल्याणकारी योजनाओं पर काम कर रहे है।  
उल्लेखनीय है कि कुछ दिनों पहले पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दावा किया था कि भजनलाल शर्मा को खुद उनकी पार्टी के अंदर ही हटाने की साजिश चल रही है। गहलोत के इस बयान के बाद दिल्ली से लेकर जयपुर तक राजस्थान में सीएम बदलने की अटकलें तेज हो गई थीं। ऐसे में अब सोशल मीडिया पर अचानक उठे विरोधी नारों ने इस बहस को और तेज कर दिया है। इस पूरे घटनाक्रम ने एक बात तो साफ कर दी है कि सरकार के खिलाफ असंतोष या राजनीतिक गुटबाजी अब सड़कों से ज्यादा सोशल मीडिया पर देखने को मिलती है। जहां एक ओर विपक्ष सोशल मीडिया के माध्यम से सरकार की घेराबंदी में जुटा है, वहीं सरकार और भाजपा उसी मंच पर जवाब दे रही हैं। अभी तक मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस ट्रेंड पर कोई बयान जारी नहीं किया है, लेकिन सोशल मीडिया पर मचे इस राजनीतिक घटनाक्रम ने राजस्थान की भाजपा सरकार के लिए एक नया सियासी दबाव जरूर खड़ा कर दिया है।