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"मूंछ वाला नेता गंगाजल लाता है" ,ज्ञानदेव आहूजा पर खड़गे का वार, राजस्थान की राजनीति में सियासी ऊबाल

राजस्थान में बीजेपी नेता ज्ञानदेव आहूजा को अनुशासनहीनता के आरोप में पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। गंगाजल विवाद और कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे के पलटवार ने सियासी पारा चढ़ा दिया है। जानिए पूरा घटनाक्रम।

"मूंछ वाला नेता गंगाजल लाता है" ,ज्ञानदेव आहूजा पर  खड़गे का वार, राजस्थान की राजनीति में सियासी ऊबाल

जयपुर। राजस्थान बीजेपी के तारे इन दिनों गर्दिश में है। एक के बाद एक नेता मुसीबत खड़ी कर रहे हैं। राम नवमी के मौके पर ज्ञानदेव आहूजा ने टीकाराम जूली के मंदिर जाने पर मंदिर की गंगाजल से सफाई की थी। जिस पर हो हल्ला हुआ। मामला प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौर तक जा पहुंचा। जहां उन्होंने इस बीजेपी नेता का निजी बयान बताते हुए पल्ला झाड़ लिया। आखिर में कड़ा एक्शन लेते हुए आहूज को पार्टी से निष्कासित करने का फैसला लिया गया। बताया जा रहा है, ये कार्रवाई अनुशासन समिति की रिपोर्ट के आधार पर हुई है। पार्टी से निष्कासन पर ज्ञानदेव का दर्ज छलक आया है। यहां तक इस मसले में अब कांग्रे राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की एंट्री भी हो गई है। आखिर क्या है पूरा मामला विस्तार से जानते हैं। 

ज्ञानदेव आहूजा पर क्यों हुई कार्रवाई ?

बीजेपी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ज्ञानदेव को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया है। गंगाजल छिड़कने पर उन्हें कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया था। जहां, उन्होंने माफी मांगने से भी इन्कार कर दिया था। जिसके बाद मदन राठौड़ से इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा था, प्रदेश अध्यक्ष बनने से पहले मेरी यही शर्त थी, मैं किसी भी तरह का अन्याय ना करूंगा ना होने दूंगा। बीजेपी लिंग, जाति और धर्मों में भेद नहीं करती है। उनके एक्शन को देखते हुए लगने लगा था, ज्ञानदेव आहूजा पर गाज गिरना तय है। 

बीजेपी से नाराज हुए आहूजा 

पार्टी से निकाले जाने पर पूर्व बीजेपी विधायक का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा, दुनिया चाहे कितनी बड़ी क्यों ना हो। आतंका अंत जरूर होता है। भगवान के घर देर है पर अंदर है। पार्टी को मैं दोषी लगता हूं तो ठीक है लेकिन ऐसा नहीं है। मैंने कभी दलितों का अपमान नहीं किया। मैंन तो केवल उसने से सवाल किया था जो राम के अस्तित्व पर सवाल खड़ा करते हैं। आप लोग कांग्रेस के झूठे प्रचार और सत्ता खोने के डर गए हैं लेकिन मैंने कभी इसकी परवाह नहीं की है। इस दौरान आहूजा ने कहा था, उनसे मल्लिकार्जुन खड़गे माफी मांगे। 

खड़गे ने किया पलटवार 

इस बयान ने राजनीतिक रूप ले लिया है। पहले अहमदाबाद कांग्रेस अधिवेशन में राहुल गांधी ने इस मसले को उठाया था तो अब जयपुर पहुंचे खड़गे ने बिना नाम लिए ज्ञानदेव पर निशाना साधा। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, हमारे नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जी जब मंदिर जाते हैं तो वहां पर एक मूंछ वाला वो नेता गंगाजल से मंदिर धोता है, यही सिखाता है क्या तुम्हारा हिंदू धर्म। जब हिंदू एक हैं तो ये चाल क्यों चलते हैं, संविधान से चुने हुए एक नेता के साथ ऐसा बर्ताव किया जाता है।