मोदी सरकार का मास्टरस्ट्रोक, विपक्ष के दिल पर दी गहरी चोट! पढ़ें पूरी खबर
मोदी सरकार ने बिहार चुनाव से पहले बड़ा फैसला लेते हुए जातीय जनगणना कराने की मंजूरी दे दी है। अब अगली जनगणना में जाति की जानकारी भी शामिल होगी, जो 1931 के बाद पहली बार होगा।

बिहार चुनाव से पहले केंद्र की मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। कैबिनेट बैठक में देशभर में जातीय जनगणना कराने पर सहमति बनी है। अगली जनगणना में गणना के साथ जाति भी पूछी जाएगी। ये स्वतंत्रता के बाद बंद हो चुका था। विपक्ष लंबे वक्त से जाति जनगणना की मांग करता आ रहा था। हालांकि अब केंद्र ने इस पर अपनी सहमति दे दी है।
देश में आखिर बार जनगणना कब हुई थी?
देश में आखिरी बार जनगणना कांग्रेस कार्यकाल के दौरान 2011 में हुई थी। जब से भारत आजाद हुआ था,तबसे ये 7वीं बार था, जब भी जनगणना की गई है। इसे दो चरणों में किया गया । पहले चरण एनपीआर, जो अप्रैल-सितंबर तक चला था। दूसरे चरण में जनसंख्या की गिनी हुई। तो फरवरी महीने में किया था। आंकड़ों के अनुसार, उस वक्त भारत की टोटल आबादी 121 करोड़ थी। आंकड़ों में ये बात भी सामने आई थी, यहां पर पुरुषों की संख्या 63 करोड़ तो महिलाओं की संख्या 58 करोड़ थी। जबकि साक्षरता दर 75 फीसदी के आसपास थी। इससे इतर 2021 में जनगणना कराई जाने थी लेकिन कोरोना काल के चलते इसे स्थगित कर दिया और किसी ने किसी कारणों ये टलती गई।
भारत में अभी तक कितनी बार जनगणना हुई है?
मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं, भारत में पहली बार जनगणना ब्रिटिश काल (1872-1931) में हुई थी। जहां 1872 में पहली जनगणना हुई, जिसमें जातिगत आंकड़े शामिल थे। 1881 से 1931 तक हर दशक में हुई जनगणना में जाति को दर्ज किया गया। 1931 आखिरी जनगणना थी,जहां सभी जातियों के विस्तृत आंकड़े इकट्ठा किये गए।
आजादी के बाद भारत में जनगणना
1947 में भारत आजाद होने के बाद आजाद भारत की पहली जनगणना में केवल (SC) (ST) को ही जातिगत श्रेणी में रखा गया। वहीं, 1961-2011 के दौरान सभी जनगणनाओं में सामान्य जातियों के आंकड़े नहीं लिए गए। 2011 में सामाजिक-आर्थिक जातिगत जनगणना हुई, जिसमें सभी जातियों के नाम दर्ज किए गए, लेकिन ये आंकड़े कभी सार्वजनिक नहीं किए गए।
राज्य स्तर पर हुई जनगणना
2015 में कर्नाटक में जातिगत जनगणना की गई थी हालांकि अभी तक आंकड़ो को सार्वजनिक नहीं किया। जबकि 2023 में बिहार में भी जातिगत जनगणना की थी। जहां सर्वेक्षण में दावा किया गया था, OBC (63%), EBC (36%), और सामान्य वर्ग (15.5%) हैं। कुल मिलाकर, 1931 के बाद से केंद्र सरकार द्वारा अभी तक पूर्ण जातिगत जनगणना नहीं की गई है।