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संसद के मानसून सत्र 2025 के आरंभ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन

जल भंडारण तीन गुना बढ़ा है, जिससे कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बड़ा लाभ होगा

पहली बार इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर भारत का तिरंगा लहराने की घटना

संसद के मानसून सत्र 2025 के आरंभ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के मानसून सत्र—2025 के आरंभ पर मीडिया और देशवासियों को संबोधित किया। उन्होंने इस सत्र को "विजयोत्सव" बताते हुए देश की हालिया उपलब्धियों का उल्लेख किया और विकास, रक्षा और अर्थव्यवस्था से जुड़े मुद्दों पर विस्तार से बात की। आइए जानते हैं उनके संबोधन की प्रमुख बातें और पढ़ें पूरा भाषण:

प्रधानमंत्री के संबोधन की मुख्य बातें—
कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था:
प्रधानमंत्री ने बताया कि इस वर्ष मानसून के कारण जल भंडारण तीन गुना बढ़ा है, जिससे कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बड़ा लाभ होगा।

अंतरिक्ष में भारत का तिरंगा—
पहली बार इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर भारत का तिरंगा लहराने की घटना को प्रधानमंत्री ने राष्ट्र के लिए गौरव का क्षण बताया।

ऑपरेशन सिंदूर की सफलता—
प्रधानमंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कहा कि भारतीय सेना ने आतंकियों के ठिकानों पर जाकर 22 मिनट में ऑपरेशन पूरा किया। यह 'मेड इन इंडिया' सैन्य साजो-सामान की सफलता भी है।

नक्सलवाद और आतंकवाद पर लगाम—
उन्होंने कहा कि नक्सलवाद का दायरा तेजी से सिकुड़ रहा है और अब बम-बंदूक नहीं, संविधान की जीत हो रही है। रेड कॉरिडोर अब ग्रीन ग्रोथ ज़ोन में बदल रहा है।

आर्थिक प्रगति—
प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 में भारत 10वीं अर्थव्यवस्था था, आज तीसरे स्थान की ओर बढ़ रहा है। 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए हैं। महंगाई दर 2% के करीब है। Low Inflation के साथ High Growth भारत की नई पहचान है।

डिजिटल इंडिया और UPI—
UPI और डिजिटल ट्रांजेक्शन में भारत ने दुनिया को पीछे छोड़ दिया है। सबसे ज्यादा रियल टाइम डिजिटल ट्रांजेक्शन भारत में हो रहे हैं।

सोशल सिक्योरिटी और हेल्थ—
ILO के अनुसार, 90 करोड़ से ज्यादा भारतीय अब सोशल सिक्योरिटी के दायरे में हैं। WHO ने भारत को ट्रेकोमा फ्री घोषित किया है।

राष्ट्रीय एकता और आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक अभियान—
प्रधानमंत्री ने सभी दलों की सराहना की, जिन्होंने वैश्विक मंचों पर आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर भारत का पक्ष रखा।

प्रधानमंत्री का संदेश—
प्रधानमंत्री ने सभी सांसदों और राजनीतिक दलों से अपील की कि वे देशहित में एकजुट रहें। उन्होंने कहा, 'दल हित में मत भले ना मिले, लेकिन देशहित में मन जरूर मिले।'

उन्होंने विश्वास जताया कि मानसून सत्र में विकास, रक्षा और आत्मनिर्भर भारत से जुड़े महत्वपूर्ण विधेयकों पर सार्थक बहस होगी और उन्हें पारित किया जाएगा।