Rajasthan Assembly Debate: सदन में बैकफुट पर नजर आए भजनलाल सरकार के मंत्री, डोटासरा-जूली ने कैबिनेट को जमकर लताड़ा!
Dotasra Juli Attack: राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस ने सरकार पर तीखा हमला किया और मंत्रियों को बैकफुट पर धकेल दिया. डोटासरा और जूली के सवालों का सरकार के पास ठोस जवाब नहीं था, जिससे विपक्ष का पलड़ा भारी दिखा. अब देखना होगा कि सरकार अपनी नीतियों पर अमल कर विपक्ष के इन आरोपों का जवाब कैसे देती है.

Rajasthan Assembly Debate: राजस्थान विधानसभा में सत्र के दौरान विपक्ष ने भजनलाल शर्मा सरकार के मंत्रियों को जमकर घेरा. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गोविंद सिंह डोटासरा और विधायक ममता भूपेश जूली ने सरकार के कामकाज पर तीखा हमला बोला. सरकार की नीतियों और फैसलों को लेकर उठाए गए सवालों का संतोषजनक जवाब न मिलने पर मंत्री बैकफुट पर नजर आए, जिससे विपक्ष को और आक्रामक होने का मौका मिल गया.
डोटासरा ने सरकार पर कसा तंज
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और विधायक गोविंद सिंह डोटासरा ने सरकार को घेरते हुए कहा कि बीजेपी की नीतियां जनता के हित में नहीं हैं. उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और प्रशासनिक मामलों को लेकर सरकार की नाकामी गिनाई. डोटासरा ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार अभी तक पूर्ववर्ती गहलोत सरकार की योजनाओं को ही रोकने में लगी हुई है, लेकिन नई योजनाओं पर कोई काम नहीं कर रही.
उन्होंने कहा कि सरकार जनता से किए गए वादों को पूरा करने में विफल रही है. बजट पेश होने के बावजूद जमीनी स्तर पर कोई ठोस काम नहीं दिख रहा.. उनकी इस टिप्पणी पर सदन में हंगामा हो गया और बीजेपी के कुछ विधायकों ने विरोध किया, लेकिन सरकार की तरफ से कोई ठोस जवाब नहीं मिल पाया.
ममता भूपेश जूली ने कैबिनेट को लिया निशाने पर
पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक ममता भूपेश जूली ने भी सरकार को कठघरे में खड़ा किया. उन्होंने महिला सुरक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं और सामाजिक कल्याण योजनाओं पर सवाल उठाए. उनका कहना था कि सरकार के मंत्री केवल घोषणाएं कर रहे हैं, लेकिन उनका कोई असर जमीन पर नहीं दिख रहा.
जूली ने कहा कि महिला सशक्तिकरण और कल्याण योजनाओं पर सरकार चुप है. पिछले दो महीनों में किसी भी नई योजना को लागू नहीं किया गया है. उनकी इस आलोचना के बाद बीजेपी के मंत्री असहज दिखे और बचाव में केवल आश्वासन देते नजर आए.
बैकफुट पर दिखे मंत्री
कांग्रेस के तीखे सवालों और लगातार हमलों के सामने भजनलाल शर्मा सरकार के मंत्री प्रभावी जवाब नहीं दे सके. कई मुद्दों पर सरकार की स्थिति स्पष्ट नहीं थी, जिससे विपक्ष को और आक्रामक होने का मौका मिला.