"गुजरात की ट्रेनिंग में चमकेगा राजस्थान का सितारा: केवड़िया में रणनीति, सम्मान और सियासी मास्टरक्लास!"
Bhajanlal Sharma Gujarat visit: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा गुजरात के केवड़िया में भाजपा सांसदों-विधायकों की स्पेशल ट्रेनिंग वर्कशॉप में हिस्सा लेने रवाना हुए हैं। जानिए उनके दौरे का रोमांचक शेड्यूल और इस वर्कशॉप की अहमियत।

राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सोमवार को एक अहम मिशन पर गुजरात रवाना हो रहे हैं। इस बार न कोई चुनाव है, न कोई सभा – बल्कि सियासत के मैदान को और धारदार बनाने की तैयारी है। वे केवड़िया में आयोजित भाजपा सांसदों और विधायकों के विशेष प्रशिक्षण शिविर में हिस्सा लेने जा रहे हैं, जो पार्टी की भविष्य की रणनीतियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
उड़ान से पहले हर लम्हा तय
सुबह 8:35 पर इंडिगो की फ्लाइट से रवाना होकर मुख्यमंत्री 11 बजे जयपुर एयरपोर्ट से वडोदरा के लिए उड़ान भरेंगे। दोपहर 12:15 बजे जैसे ही उनका विमान वडोदरा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतरेगा, वहां राजस्थानी समाज द्वारा आयोजित एक सम्मान समारोह में उनका भव्य स्वागत किया जाएगा। मिलन हॉल, न्यू VIP रोड पर होने वाला यह आयोजन मुख्यमंत्री के लिए भावनात्मक क्षण लेकर आएगा।
केवड़िया की टेंट सिटी में जुटेगा अनुभव और ऊर्जा का संगम
सम्मान समारोह के बाद दोपहर 2 बजे सीएम शर्मा केवड़िया की टेंट सिटी-2 पहुंचेंगे, जहां भाजपा का तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित है। शाम 7 से 8:30 बजे के बीच शिविर का उद्घाटन सत्र होगा, जिसमें देशभर के सांसद-विधायक संगठनात्मक कार्यशैली, संसदीय जिम्मेदारियों और जनसंपर्क की नई तकनीकों को सीखेंगे।
थीम: 'सशक्त संगठन, विजयी भारत'
वर्कशॉप का फोकस रहेगा – ‘सशक्त संगठन, विजयी भारत’। यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वर्चुअल संदेश भी संभावित है, जबकि जेपी नड्डा और अमित शाह जैसे वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी इस शिविर को ऐतिहासिक बनाएगी। नए सांसदों और विधायकों को संसदीय प्रक्रिया की बारीकियों की ट्रेनिंग दी जाएगी – ताकि वे न सिर्फ बहस करें, बल्कि नीति निर्माण में भी अग्रणी भूमिका निभाएं।
राजस्थान वापसी के साथ नई सोच की शुरुआत
6 और 7 मई को शिविर के विभिन्न सत्रों में पार्टी की चुनावी रणनीतियों, संगठनात्मक मजबूती, और जमीनी स्तर की राजनीति पर गहन विचार-विमर्श होगा। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा 7 मई की रात 11:15 बजे जयपुर लौटेंगे, लेकिन उनके साथ लौटेगी एक नई ऊर्जा, एक नयी दृष्टि और शायद, कुछ ऐसी रणनीतियाँ जो आने वाले चुनावों में राजस्थान का परचम लहराएं।