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"रानी नहीं दासी से हुई थी अकबर की शादी", राज्यपाल हरिभाऊ भागड़े के बयान से भूचाल, पढ़ें पूरी खबर

राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ भागड़े ने अकबर और जोधाबाई की शादी को लेकर विवादास्पद बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अकबरनामा में इसका कोई उल्लेख नहीं है। उनके इस बयान पर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है।

"रानी नहीं दासी से हुई थी अकबर की शादी", राज्यपाल हरिभाऊ भागड़े के बयान से भूचाल, पढ़ें पूरी खबर

जयपुर। राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ भागड़े विवादित बयान के कारण चर्चा में आ गए हैं। एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने इतिहास पर चर्चा करते हुए कहा, भारत के इतिहास को लेकर कई इतिहासकारों ने बड़ीं गलतियां की हैं। जिसमें सबसे बड़ी गलती जोधाबाई और अकबर की है। दावा किया, अकबरनामा में जोधा और अकबर की शादी का कोई जिक्र तक नहीं है। लोग कहते हैं दोनों की शादी हुई इस पर बायकायदा फिल्में भी बनाई गईं। यहां तक इतिहास के किताबों में भी ये दावा किया गया लेकिन ये बिल्कुल असत्य है। अकबर ने किसी महरानी से नहीं बल्कि भारमल नाम के राजा की दासी पुत्री से विवाह किया था। 

राज्यपाल के बयान पर छिड़ा विवाद

सोशल मीडिया पर भागड़े के बयान पर विवाद शुरू हो गया है। कई लोगों को उनकी ये बयान पसंद नहीं आ रहा है। बता दें, प्रदेश में आमेर शासक भारमल हमेशा चर्चा का विषय रहे हैं। उन्होंने 1569 में सत्ता संभाली थी। कहा जाता है, भारमल ने अपनी दासी पुत्री की शादी अकबर के साथ की थी हालांकि ये कितना सही कोई नहीं जानता। राज्यपाल यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा, अंग्रेजों ने भारत के इतिहास और नायकों को बदल दिया। इन्होंने भारत की सही जानकारी लोगों के सामने नहीं रखी। लोगों को जो इतिहास मिला उन्होंने उसका अनुसरण किया। कई हिंदुस्तानियों ने भी इतिहास से जुड़ी किताबें लिखीं लेकिन ये भी अंग्रेजी लेखकों से प्रभावित रहीं। 

महाराणा प्रताप पर भी बोले भागड़े

भाषण के दौरान भागड़े ने महाराणा प्रताप का जिक्र करते हुए कहा, इहितास की किताबों में दावा किया जाता है राजपूतों के महाराजा महाराणा प्रताप ने अकबर को संधि पत्र लिखा था लेकिन ये पूरी तरह से गलत है। महाराणा प्रताप के लिए अपनी धरती से बढ़कर कुछ नहीं था। उन्होंने कभी इससे समझौता नहीं किया। साथ ही कहा, इतिहास में अकबर के बारे में ज्यादा और महाराणा प्रताप के बारे में कम पढ़ाया गया है। हालांकि अब स्थिति में सुधार हो रहा है। नई शिक्षा नीति के तहत हमारी संस्कृति से छात्रों को अवगत कराने की कोशिश की जा रही है।