Rajasthan Panchayat Elections: सीएम भजनलाल शर्मा को लगेगा बड़ा झटका? आ गई बड़ी खबर!
One State, One Election policy: राजस्थान हाई कोर्ट ने 6,759 ग्राम पंचायतों के चुनाव स्थगित करने के मामले में राज्य सरकार से दो सप्ताह के भीतर चुनाव की स्पष्ट समयसीमा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। साथ ही, अदालत ने यह भी पूछा है कि ग्राम पंचायतों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद निवर्तमान सरपंचों को प्रशासक नियुक्त करने के क्या प्रावधान हैं।

Gram Panchayat election timeline: राजस्थान हाई कोर्ट ने पंचायत चुनावों को लेकर राज्य सरकार पर सख्त रुख अपनाते हुए दो सप्ताह के भीतर चुनाव की स्पष्ट टाइमलाइन देने का निर्देश दिया है. सरकार ने 6,759 ग्राम पंचायतों में चुनाव टालने के संबंध में अतिरिक्त समय मांगा था, जिसे अदालत ने सीमित समय के लिए मंजूर किया. राज्य सरकार ने सुनवाई के दौरान बताया कि पंचायती राज अधिनियम की धारा 95 के तहत प्रशासकों की नियुक्ति की गई है, लेकिन इसमें यह स्पष्ट नहीं किया गया कि प्रशासक कौन हो सकता है.
सरकारी अधिकारी ही हो सकता है प्रशासक
याचिकाकर्ता के वकील प्रेमचंद देवंदा ने अदालत में तर्क दिया कि निजी व्यक्तियों को प्रशासक के रूप में नियुक्त नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि सरपंच का कार्यकाल समाप्त होने के बाद वे निर्वाचित प्रतिनिधि नहीं रह जाते. कानूनी प्रावधानों के अनुसार, प्रशासक केवल सरकारी अधिकारी ही हो सकता है, वह भी अधिकतम छह महीने के लिए. साथ ही, सरकार की अधिसूचना में प्रशासकों की नियुक्ति की अवधि और चुनाव की समयसीमा का कोई उल्लेख नहीं किया गया है.
जनवरी में होने थे चुनाव, लागू हुआ मध्य प्रदेश मॉडल
राजस्थान सरकार ने जनवरी 2025 में पंचायत चुनाव कराने के बजाय निवर्तमान सरपंचों को प्रशासक नियुक्त कर दिया. इसके अलावा, प्रत्येक पंचायत स्तर पर एक प्रशासनिक समिति बनाई गई, जिसमें उपसरपंच और वार्ड सदस्य शामिल किए गए. पंचायती राज विभाग ने 16 जनवरी को इस फैसले की अधिसूचना जारी की थी. यह निर्णय मध्य प्रदेश मॉडल का अनुसरण करता है, जहां भाजपा शासित राज्यों में इसी तरह की व्यवस्था लागू की गई थी. इस कदम को राजस्थान में सभी पंचायती राज संस्थाओं के लिए एक साथ चुनाव कराने की बड़ी रणनीति के रूप में देखा जा रहा है.
ग्रामीण शासन को अस्थिर करने का आरोप
याचिकाकर्ता के वकील ने सरकार के इस फैसले को संविधान और कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन बताया. उन्होंने दलील दी कि चुनाव स्थगित करने की 16 जनवरी की अधिसूचना संविधान के अनुच्छेद 243ई और 243के, साथ ही राजस्थान पंचायती राज अधिनियम, 1994 की धारा 17 का उल्लंघन करती है. उन्होंने कहा कि 6,759 पंचायतों में चुनाव स्थगित करने से सरकार ने ग्रामीण लोकतांत्रिक ढांचे को बाधित कर दिया है, जिससे शासन प्रणाली अस्थिर हो सकती है.
'एक राज्य, एक चुनाव' पर सरकार की रणनीति
भजनलाल सरकार 'एक राज्य, एक चुनाव' की नीति लागू करने की तैयारी में है. हाई कोर्ट ने इस मामले में भी सरकार से स्पष्ट जवाब मांगा है. 6,759 ग्राम पंचायतों के चुनाव टालने के फैसले को अदालत में चुनौती दी गई है. अदालत ने सरकार को दो सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.