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'पेपर लीक का अड्डा बना राजस्थान', बोले हनुमान बेनीवाल, मदन राठौर ने किया पलटवार !

राजस्थान SI भर्ती परीक्षा पेपर लीक पर बवाल, हनुमान बेनीवाल ने सरकार को घेरा। भजनलाल शर्मा पर उठाए सवाल। मदन राठौर ने किया बड़ा पलटवार। पढ़ें पूरा मामला।

'पेपर लीक का अड्डा बना राजस्थान', बोले हनुमान बेनीवाल, मदन राठौर ने किया पलटवार !

SI Paper Leak: एसआई भर्ती परीक्षा पर प्रदेश में सियासी संग्राम छिड़ा हुआ है। एक तरफ 26 मई तक भजनलाल सरकार को हाइकोर्ट में जवाब दाखिल करना है तो दूसरी तरफ छात्रों के साथ हनुमान बेनीवाल खड़े हैं। RLP सांसद बीते एक महीने से धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। एक बार फिर उन्होंने प्रेसवार्ता में भजनलाल सरकार पर निशाना साधा है। जबकि इस बारे में मदन दिलावर से पहले प्रश्न पूछा गया तो उन्होंने कहा, मामला अदालत में है। खैर, सबसे पहले आप बेनीवाल का ये बयान सुनिए-

छात्रों को मिला हनुमान बेनीवाल का साथ

मीडिया से बातचीत करते हुए हनुमान बेनीवाल ने कहा कि हमारे प्रदेश में ऐसा नेता पड़े हैं जिन्हें कुछ पता ही चलता है। वो लोग तीन दिन बाद नींद से जागते हैं। तब कही जाकर घटना की जानकारी ले पाते हैं। इतना ही नहीं ट्वीट भी देखकर करते हैं फायदा मिल रहा है या नहीं। जब गालियां पड़ती हैं तो छुप जाते हैं। उनके अंदर कोई क्षमता नहीं है। मैं उन नेताओं से खुला सवाल करता हूं, जो कांग्रेस कार्यकाल के दौरान कहते थे, हमारी सरकार आई तो ये कर देंगे लेकिन अब तो सरकार है तो छात्रों के खड़े क्यों नहीं हो रहे हैं। इससे राजनीति का लेनादेना नहीं है। छात्रों के हित का सवाल है। जो भी हमारे साथ खड़ा होगा, हम दिल खोलकर उनका स्वागत करेंगे। राजस्थान बदनाम है। ये पेपर लीक का अड्डा बन गया है। पहले तो पेपर लीक होते थे लेकिन अब तो OMR शीट ही गायब हो जाती है। वसुंधरा-गहलोत के समय भी भ्रष्टाचार हुआ था लेकिन अब तो भजनलाल शर्मा नई तकनीक लेकर आये हैं। ये तो वसुंधरा-गहलोत के भी गुरु निकलें। 

मदन राठौर ने भर्ती परीक्षा पर दिया रिएक्शन

इससे इतर जब एसआई भर्ती परीक्षा को लेकर बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौर से प्रश्न से किया गया तो उन्होंने कहा, हनुमान बेनीवाल इतिहास पढ़ते ही नहीं है। चूंकि उनके पास समय नहीं है। उन्हें तो हर चीज में हर राजनीति करने से फुरसत नहीं है। अगर पढ़ें तो गौरवपूर्ण इतिहास की जानकारी मिलेगी। फिर वह इस तरह की बातें नहीं करेंगे। जहां तक बात भर्ती परीक्षा की है। मामला कोर्ट में विचाराधीन है। ऐसे में कानूनी में राजनीतिक पार्टी हस्तक्षेप नहीं करती हैं।