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आरपीएससी को कब मिलेगा फुल टाइम मुखिया ?

30 सालों से नहीं मिला फुलटाइमर अध्यक्ष
सरकार बनने से पहले भाजपा ने किया था वादा  
कब मिलेगा प्रदेश के युवाओं को न्याय 

आरपीएससी को कब मिलेगा फुल टाइम मुखिया ?

जयपुर। पिछले 30 सालों में राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) को पूर्णकालिक अध्यक्ष नहीं मिल पाया, जिसकी वजह से ना सिर्फ परीक्षाओं का वार्षिक कलैंडर नियमित हो पाया बल्कि एक के बाद लगातार हुए पेपर लीक के मामलों ने भी प्रदेश की साख को बटटा लगा। इधर करीब डेढ़ साल पहले जब प्रदेश में सरकार बनने से पहले भाजपा ने राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) ने पुनर्गठन का बड़े की मजबूती से वादा किया था तो प्रदेश के युवाओं को यह उम्मीद जगी थी कि पिछले तीस सालों से आरपीएससी के पार्ट टाइम अध्यक्ष की जगह अब फुल टाइम लगाया जाएगा। लेकिन कहते है राजनीति में 'वादे है वादों का क्या' कुछ ऐसा ही हो रहा है राजस्थान की आरपीएससी के अध्यक्ष की नियुक्ति में, और वहीं हुआ जो पिछले 30 साल से होता आ रहा है। राजस्थान पुलिस के मुखिया रहे डीजीपी यूआर साहू को पिछले दिनों आरपीएससी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था और आरपीएससी के नियमों के मुताबिक उनका कार्यकाल अगले साल 19 जून, 2026 को खत्म हो जाएगा। यानी वे करीब एक साल ही अध्यक्ष रह पाएंगे। ऐसे में नए अध्यक्ष इतने कम समय में किस तरह से आरपीएससी रिआर्गेनाइज कर उसे रेगूलर कर पाएंगे। जानकारों की माने तो इस तरह से कम समय के लिए नियुक्तियां होती रही तो आरपीएससी का पुनर्गठन होना मुश्किल है। विशेषज्ञों का कहना है कि सुधार करना है तो यूपीएससी सहित अन्य राज्यों के लोक सेवा आयोगों की तरह फुल टाइम कमीशन बनाना होगा। वहीं आरपीएससी में सदस्यों की नियुक्ति कार्यकाल के अनुसार छह साल की तरह ही अध्यक्ष की भी नियुक्ति की जाए।  

रिआर्गेनाइज के लिए बनी समितियों की भी सिफारिश 
कांग्रेस सरकारों के समय आरपीएससी के रिआर्गेनाइज के लिए अलग-अलग दो कमेटियां बनी थी। इस रिपोर्ट में एक परीक्षा नियंत्रक लगाने की सिफारिश की गई थी, उसे तो मान लिया गया। दूसरी सिफारिश अध्यक्ष की नियुक्ति के कार्यकाल की भी की थी। अध्यक्ष को काम करने के लिए पूरा समय मिलना ही चाहिए। केरल इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। वहां बीस साल से एक भी पेपरलीक नहीं हुआ। छोटे से राज्य के इस आयोग में बीस सदस्यों का कमीशन है। 

1995 से अब नियुक्त अध्यक्ष व उनका कार्यकाल पर नजर डालेंगे तो उसमें एक भी ऐसा अध्यक्ष नहीं है, जिसने अपना पूरा यानि की 6 साल का कार्यकाल पूरा किया हो। आरपीएससी में मुखिया पद पर नियुक्ति की बात की जाए तो तीन दशक से ज्यादा ढर्रा बिगड़ा हुआ है। पिछले तीन दशक में अब तक ऐसा कोई अध्यक्ष नहीं बना, जिसका कार्यकाल चार साल से ज्यादा का रहा हो। एक दो को छोड़ दें तो ज्यादातर का कार्यकाल तो दो साल में ही पूरा हो गया। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है कि सरकारें ऐसे अधिकारी को अध्यक्ष पद पर नियुक्ति करती आ रही हैं, जो सेवानिवृति के आसपास यानी 60 साल का होने वाला हो और उसे कहीं उपकृत करना हो। 


हनुमान प्रसाद 2 वर्ष
पीएस यादव 26 दिन
देवेन्द्र सिंह 3 साल 1 माह
एनके बैरवा, 3 साल 1 माह
गोविन्द सिंह टांक 2 साल
सीआर चौधरी साढ़े तीन साल
एमएल कुमावत 16 माह
बीएम शर्मा  13 माह
हबीब खान गौरान 2 साल 1 माह
ललित के पंवार 1 साल 11 माह
श्याम सुंदर शर्मा 2 माह 17 दिन
राधे श्याम गर्ग 5 माह
दीपक उप्रेती 2 साल 3 माह 
भूपेंद्र सिहं 1 साल 2 माह 
संजय श्रोत्रिय 2 साल 6 माह 
यू आर साहू 12 जून 2025 को नियुक्त